सिंहस्थ: घाटों के पहुंच मार्गों और नालियों की मरम्मत आवश्यक
डाॅ. चन्दर सोनाने
उज्जैन में आगामी 22 अप्रैल से 21 मई 2016 तक आयोजित होने जा रहे सिंहस्थ महाकुंभ में करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के उज्जैन आने की संभावना हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए त्रिवेणी से सिद्धवट तक पूर्व में भी घाटों का निर्माण किया गया हैं, और आगामी सिंहस्थ के लिए भी नए घाट बनाए जा रहे हैं। इन समस्त घाटों तक पहुंचने के मुख्य मार्गो के अतिरिक्त अनेक छोटे एवं संकड़े पहुंच मार्ग भी हैं, जिनकी मरम्मत आवश्यक हैं।
सामान्यतः यह देखा जाता हैं कि शिप्रा तट के प्रमुख घाटों के मुख्य मार्गो को ठीक ठाक कर दिया जाता हैं, किंतु श्रद्धालु मुख्य मार्गो के साथ ही अनेक छोटे एवं संकडे पहुंच मार्गो से भी घाटो तक पहुंच कर वापस उसी मार्ग से जाते हैं। इन पर ध्यान देने की आवश्यकता हैं। ये आंतरिक पहुंच मार्ग बहुत पुराने होने के कारण इनकी मरम्मत भी करना जरूरी हैं। ऐसे एक दो नही बीसियों मार्ग हैं। इसलिए उस क्षेत्र के जानकार को ले जाकर प्रत्येक मार्ग को चिन्हीत कर उस मार्ग की मरम्मत की जाना जरूरी हैं।
शिप्रा तट के घाटों तक स्नान के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आंतरिक पहुंच मार्गो की नालियों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता हैं। यहां की नालियां बहुत पुरानी होकर मरम्मत की बाट जो रही हैं। इन सभी सड़कों की मरम्मत और जहां आवश्यक हो वहा पानी के निकास के लिए नालियां बनाना भी हैं। साथ ही यह देखना भी जरूरी हैं कि इन नालियों का पानी षिप्रा में नही मिल पाए। वर्तमान में समस्त आंतरिक मार्गो की नालियों का गंदा पानी घूमफिर कर शिप्रा नदी में ही मिलकर पानी को प्रदूषित कर रहा हैं। इसलिए यह आवश्यक हैं कि स्थानीय निवासियों की मूलभूत जरूरतों के लिए बनाई गई इन नालियों के गंदे पानी के निकास की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
शिप्रा के घाटों तक पहुंचने वाले ये आंतरिक मार्ग जब शिप्रा तट पहुंचते हैं तो वहां से सीढि़यों के द्वारा घाटों तक पहुंचा जाता हैं। लगभग सभी सीढि़यां टूट-फूट गई हैं। इनकी मरम्मत भी अत्यंत आवश्यक हैं। जहां सीढि़यां ठीक नही हो वहां नई सीढि़यां बनाने की आवश्यकता हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह जरूरी भी हैं।
शिप्रा नदी तक पहुंचने वाले इन आंतरिक मार्गो एवं गलियों की नियमित साफ-सफाई भी अत्यंत जरूरी हैं। वर्तमान में कई दिनों तक इन संकड़ी गलियों की साफ-सफाई नही हो रही हैं। नगर निगम को यहा साफ सफाई की माकूल व्यवस्था करना आवश्यक हैं।
आस्था और विश्वास के इस सिंहस्थ महापर्व में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शिप्रा तट पर बनाए बए समस्त घाटों के आंतरिक पहुंच मार्गो एवं नालियों की सिंहस्थ पूर्व आवश्यक मरम्मत और वहां की गलियों की भी मरम्मत करना आवश्यक हैं। कमिश्नर डाॅ रवीन्द्र पस्तोर एवं कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत तथा नगर निगम कमिश्नर श्री अविनाश लवानिया को इस और ध्यान देने की जरूरत हैं ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न होने पाए।
उज्जैन में आगामी 22 अप्रैल से 21 मई 2016 तक आयोजित होने जा रहे सिंहस्थ महाकुंभ में करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के उज्जैन आने की संभावना हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए त्रिवेणी से सिद्धवट तक पूर्व में भी घाटों का निर्माण किया गया हैं, और आगामी सिंहस्थ के लिए भी नए घाट बनाए जा रहे हैं। इन समस्त घाटों तक पहुंचने के मुख्य मार्गो के अतिरिक्त अनेक छोटे एवं संकड़े पहुंच मार्ग भी हैं, जिनकी मरम्मत आवश्यक हैं।
सामान्यतः यह देखा जाता हैं कि शिप्रा तट के प्रमुख घाटों के मुख्य मार्गो को ठीक ठाक कर दिया जाता हैं, किंतु श्रद्धालु मुख्य मार्गो के साथ ही अनेक छोटे एवं संकडे पहुंच मार्गो से भी घाटो तक पहुंच कर वापस उसी मार्ग से जाते हैं। इन पर ध्यान देने की आवश्यकता हैं। ये आंतरिक पहुंच मार्ग बहुत पुराने होने के कारण इनकी मरम्मत भी करना जरूरी हैं। ऐसे एक दो नही बीसियों मार्ग हैं। इसलिए उस क्षेत्र के जानकार को ले जाकर प्रत्येक मार्ग को चिन्हीत कर उस मार्ग की मरम्मत की जाना जरूरी हैं।
शिप्रा तट के घाटों तक स्नान के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आंतरिक पहुंच मार्गो की नालियों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता हैं। यहां की नालियां बहुत पुरानी होकर मरम्मत की बाट जो रही हैं। इन सभी सड़कों की मरम्मत और जहां आवश्यक हो वहा पानी के निकास के लिए नालियां बनाना भी हैं। साथ ही यह देखना भी जरूरी हैं कि इन नालियों का पानी षिप्रा में नही मिल पाए। वर्तमान में समस्त आंतरिक मार्गो की नालियों का गंदा पानी घूमफिर कर शिप्रा नदी में ही मिलकर पानी को प्रदूषित कर रहा हैं। इसलिए यह आवश्यक हैं कि स्थानीय निवासियों की मूलभूत जरूरतों के लिए बनाई गई इन नालियों के गंदे पानी के निकास की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
शिप्रा के घाटों तक पहुंचने वाले ये आंतरिक मार्ग जब शिप्रा तट पहुंचते हैं तो वहां से सीढि़यों के द्वारा घाटों तक पहुंचा जाता हैं। लगभग सभी सीढि़यां टूट-फूट गई हैं। इनकी मरम्मत भी अत्यंत आवश्यक हैं। जहां सीढि़यां ठीक नही हो वहां नई सीढि़यां बनाने की आवश्यकता हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह जरूरी भी हैं।
शिप्रा नदी तक पहुंचने वाले इन आंतरिक मार्गो एवं गलियों की नियमित साफ-सफाई भी अत्यंत जरूरी हैं। वर्तमान में कई दिनों तक इन संकड़ी गलियों की साफ-सफाई नही हो रही हैं। नगर निगम को यहा साफ सफाई की माकूल व्यवस्था करना आवश्यक हैं।
आस्था और विश्वास के इस सिंहस्थ महापर्व में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शिप्रा तट पर बनाए बए समस्त घाटों के आंतरिक पहुंच मार्गो एवं नालियों की सिंहस्थ पूर्व आवश्यक मरम्मत और वहां की गलियों की भी मरम्मत करना आवश्यक हैं। कमिश्नर डाॅ रवीन्द्र पस्तोर एवं कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत तथा नगर निगम कमिश्नर श्री अविनाश लवानिया को इस और ध्यान देने की जरूरत हैं ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न होने पाए।