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पाईप लाईन डालने के बहाने सड़कों की बेतरतीब खुदाई


डाॅ. चन्दर सोनाने
             आजकल उज्जैन शहर में किसी भी मोहल्ले में निकल जाए, वहाँ सड़को की खुदाई की हुई मिलेगी। कभी नल की लाईन डालने के बहाने, कभी केबल डालने के बहाने तो आजकल रसोई गैस की पाईप लाईन डालने के नाम पर सड़को की बेतरतीब खुदाई की जा रही हैं। पहले तो खुदाई कर उसे वैसे ही छोड़ दिया जाता है, फिर हफ्तों बाद केबल या पाईप लाईन डालकर उसके उपर वहीं से निकली मिट्टी डाल दी जाती हैं, जो महीनों ऐसे ही पड़ी रहती हैं।
            नगर निगम जिस कंपनी को सड़क खोदने और पाईप लाईन डालने की अनुमति देती हैं तो यह शर्त भी अनिवार्य रूप से रहती हैं कि सड़क संबंधित कंपनी को जैसी थी, वैसी ही करके देनी होगी। किंतु इस शर्त का खुलेआम उल्लंघन हो रहा हैं। उज्जैन शहर के किसी भी मोहल्ले या काॅलोनी में चले जाए वहाँ सड़को की बदहाल स्थिति खुद अपनी कहानी बयां कर रही हैं। बेगमबाग जैसे व्यस्त ईलाके में तो सड़क को बीच में से ही खोद दिया गया हैं। महीनों बीतने के बावजूद आज भी वहां कि सड़क जैसी थी वैसी नहीं हो पाई हैं। ऐसी ही स्थिति शहर की संकडी गलियों में भी दिखाई दे रही हैं। वहाँ भी कोई न कोई पाईप लाईन डालने के नाम से सडक के किनारे की बजाय बीच में ही सडक खोद दी गई हैं। पाईप लाईन या केबल डालने के बाद ऐसे ही मिट्टी डालकर अपने कर्तव्य की इति श्री कर ली जाती हैं। शहर की अनेक संकडी गलियों में यह नजारा देखा जा सकता हैं।
           आजकल रसोई गैस की पाईप लाईन डालने के लिए शहर के विभिन्न मोहल्लों और काॅलोनियों में सड़कें खुदी पड़ी हैं। सड़के खोद देने के कई दिन बाद गैस पाईप लाईन डाली जाकर ऊपर से मिट्टी डाल दी जाती हैं, शेष मिट्टी का ढ़ेर वहीं पडा रहता हैं। यहीं नही कुछ काॅलोनियों में तो सड़क के एक तरफ पाईप लाईन डालने के बाद सड़क को क्रास कर एक- एक घर में पाईप  लाइन ड़ालने के नाम पर सड़क खोदकर मिट्टी वैसे ही डाली जा रही हैं। इस प्रकार सडक के एक किनारे पर पाईप लाईन डालकर सामने वाले लाईन के मकानों में सड़क क्रास कर कनेक्शन दिए जा रहे हैं। यह बहुत खतरनाक हैं। पाईप लाईन निर्धारित गहराई पर नही खोदी जाकर ऊपर से ही सड़क क्रास कर डाली जा रही हैं। सड़क को फिर पहले जैसा नही करते हुए खोदी गई सड़क का मटेरियल ही उस पर डालकर काम किया जा रहा हैं। इसका विषेशज्ञों द्वारा कोई निरीक्षण भी नही ंकिया जा रहा हैं। इस कारण कभी भी कहीं भी पाईप लाईन फूटने के कारण विस्फोटक
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स्थिति बन सकती हैं। संबंधित एजेंसी के साथ ही इस विषय पर नगर निगम को भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता हैं ।
          नगर निगम की महापौर श्रीमती मीना जोनवाल, अध्यक्ष श्री सोनू गेहलोत एवं आयुक्त श्री अविनाश लवानिया की यह महती जिम्मेदारी हैं कि वे इस और ध्यान दें। सिंहस्थ निकट हैं और यदि नगर निगम इस और ध्यान नही देता हैं तो संभागायुक्त डाॅ. रवीन्द्र पस्तोर और कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत को इस और नजर डालकर सार्थक पहल करने की आवश्यकता हैं। अन्यथा सिंहस्थ के समय शहर में जगह- जगह- सड़क खुदी पड़ी रहेगी और श्रद्धालु परेशान होते रहेंगे।

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