अब नहीं काटने होंगे इनकम टैक्स ऑफिस के चक्कर
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनकम टैक्स विवरण की इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जांच की पायलट परियोजना अगले हफ्ते शुरू करेगा. इसके तहत चुने गए 500 करदाताओं को बिना आयकर कार्यालय बुलाए ई-मेल के जरिए सवाल भेजे जाएंगे.
विभाग ने हाल ही में कहा था कि इस संदर्भ में पायलट परियोजना शुरू की जाएगी और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, अहमदाबाद और चेन्नई क्षेत्रों में चुने गए 100-100 लोगों को ई-मेल भेले जाएंगे.
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने कहा, सीबीडीटी द्वारा परियोजना को तुरंत शुरू करने के लिए कहे जाने के बाद विभाग ने चुने गए करदाताओं से उनकी जांच कार्यवाही ई-मेल के जरिए किये जाने के बारे में उनकी इच्छा पूछी थी.
इस बारे में करदाताओं का जवाब उत्साहजनक रहा और उन्हें अगले सप्ताह से ई-मेल भेजे जाएंगे. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में विभाग से करदाताओं के साथ पत्राचार के लिए ई-मेल के इस्तेमाल शुरू करने के साथ ही जांच कार्यवाही के दौरान इलेक्ट्रानिक माध्यम से प्रश्नावली, नोटिस आदि भेजने को कहा था.
इस संदर्भ में जारी आदेश में कहा गया था, इससे करदाताओं को खासकर उन छोटे मामलों में आयकर कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी जहां बड़ी राशि का मामला बड़ा नहीं है और जहां करदाता आकलन अधिकारी द्वारा मांगे गए दस्तावेज को बिना स्वयं उपस्थित हुए उपलब्ध कराने में सक्षम है.
सूत्रों के मुताबिक इस पायलट परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा और इस बारे में पूरी जानकारी साल के अंत तक सीबीडीटी को दी जाएगी ताकि अगले वित्त वर्ष से पूरे देश में इसे लागू किया जा सके.
विभाग ने हाल ही में कहा था कि इस संदर्भ में पायलट परियोजना शुरू की जाएगी और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, अहमदाबाद और चेन्नई क्षेत्रों में चुने गए 100-100 लोगों को ई-मेल भेले जाएंगे.
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने कहा, सीबीडीटी द्वारा परियोजना को तुरंत शुरू करने के लिए कहे जाने के बाद विभाग ने चुने गए करदाताओं से उनकी जांच कार्यवाही ई-मेल के जरिए किये जाने के बारे में उनकी इच्छा पूछी थी.
इस बारे में करदाताओं का जवाब उत्साहजनक रहा और उन्हें अगले सप्ताह से ई-मेल भेजे जाएंगे. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में विभाग से करदाताओं के साथ पत्राचार के लिए ई-मेल के इस्तेमाल शुरू करने के साथ ही जांच कार्यवाही के दौरान इलेक्ट्रानिक माध्यम से प्रश्नावली, नोटिस आदि भेजने को कहा था.
इस संदर्भ में जारी आदेश में कहा गया था, इससे करदाताओं को खासकर उन छोटे मामलों में आयकर कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी जहां बड़ी राशि का मामला बड़ा नहीं है और जहां करदाता आकलन अधिकारी द्वारा मांगे गए दस्तावेज को बिना स्वयं उपस्थित हुए उपलब्ध कराने में सक्षम है.
सूत्रों के मुताबिक इस पायलट परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा और इस बारे में पूरी जानकारी साल के अंत तक सीबीडीटी को दी जाएगी ताकि अगले वित्त वर्ष से पूरे देश में इसे लागू किया जा सके.