सिंहस्थ: आंतरिक मार्गों की मरम्मत और साफ सफाई जरूरी
डाॅ. चन्दर सोनाने
आगामी सिंहस्थ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा 100 नई सड़कंे, 4 नए रेलवे ओवर ब्रिज, 8 रिवर ओवर ब्रिज और 15 किलोमीटर लम्बा उज्जैन बायपास के निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं। किंतु उज्जैन शहर के आंतरिक मार्गो की मरम्मत और साफ सफाई पर ध्यान नही दिया जा रहा हैं। सिंहस्थ के दौरान करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावनाओं को देखते हुए शहर के आंतरिक मार्गांे की मरम्मत जहाँ जरूरी हैं, वहीं साफ सफाई पर भी गौर करना आवश्यक हैं।
राज्य सरकार द्वारा सिंहस्थ की तैयारी के संबंध में नई सड़के और ब्रिज पर्याप्त बनाए जा रहे हैं। यहां यह ध्यान रखना जरूरी हैं कि सिंहस्थ अवधि के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं में से अधिकांश उज्जैन के विभिन्न मंदिरों के दर्शन का लाभ भी लेंगे और उज्जैन की प्रसिद्ध कंकु, मेहंदी एवं नमकीन आदि भी लेने के लिए शहर में आएंगे। वर्तमान में उज्जैन के किसी भी काॅलोनी में चले जाएं तो वहां के आंतरिक मार्ग जीर्णोद्धार की प्रतिक्षा करते हुए दिखाई देते हैं। अनेक मोहल्लों की सड़कों की हालत तो बदहाल हैं। उज्जैन के प्रसिद्ध कोठी मार्ग पर पैबंद लग रहे हैं जहाँ से प्रतिदिन नगर के महत्वपूर्ण व्यक्ति तथा अधिकारी निकलते हैं। शहर के किसी भी मोहल्ले में चले जाएं, वहां की सड़कें दयनीय हालत में दिखाई देंगी। उज्जैन और मालवा के रहवासी अतिथियों की आवभगत के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ के प्रत्येक घर में सिंहस्थ अवधि में कोई न कोई मेहमान बाहर से जरूर आएगा। उसके लिए उज्जैनवासियों द्वारा अपने स्तर पर तैयारियां भी कर ली गई हैं। उज्जैन के आंतरिक मार्गो की मरम्मत के लिए अब समय बहुत कम बचा हैं। इसलिए शीघ्र आंतरिक मार्गो के मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर आरंभ किया जाना जरूरी हैं। यह कार्य नगर निगम को करना हैं, लेकिन लगता हैं कि उसका इस और ध्यान ही नही हैं।
नवनियुक्त महापौर श्रीमती मीना जोनवाल, नगर निगम अध्यक्ष श्री सोनू गेहलोत ,नगर निगम आयुक्त श्री अविनाश लवानिया तथा सभी पार्षदों की यह महती जिम्मेदारी हैं कि वे शहर के आंतरिक मार्गो की मरम्मत का कार्य शीघ्र हाथ में लें। उज्जैन के संभागायुक्त डाॅ. रवीन्द्र पस्तोर और कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत की भी महती जिम्मेदारी हैं कि वे इस दिशा में तुरंत पहल आरंभ करें।
इसी प्रकार नगर के किसी भी मोहल्ले अथवा कालोनी में चले जाएं तो वहां पसरी गंदगी बरबस आपका ध्यान आकर्षित करती हैं। प्रत्येक वार्ड में साफ-सफाई के लिए वार्ड के पार्षद और संबंधित अधिकारी की भी महती जिम्मेदारी हैं कि वे शहर के समस्त मोहल्लों एवं कालोनियों में नियमित रूप से साफ-सफाई के लिए अभियान आरंभ करें। यदि प्रतिदिन प्रत्येक मोहल्ले में साफ-सफाई संभव नहीं हैं तो सप्ताह में कम से कम एक दिन उस वार्ड की सफाई के लिए नियम बनाना चाहिए तथा उस नियम के अनुसार वहां की साप्ताहिक साफ-सफाई की जाना जरूरी हैं।
शहर के प्रत्येक मोहल्ले की नालियां और नालों के हाल बेहाल हैं। केवल बारिश
के पूर्व नगर निगम द्वारा बड़े नालों की सफाई का काम हाथ में लिया जाता हैं। किंतु नालियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता । यदि किसी वार्ड में साफ-सफाई दिखती हैं तो वहां के नागरिको को ही इसका श्रेय जाता हैं। नगर निगम के महापौर , अध्यक्ष, आयुक्त और सभी पार्षदों को चाहिए कि प्रत्येक मोहल्ले के नालों तथा नालियों की मरम्मत तथा साफ-सफाई के लिए भी विशेष अभियान चलाया जाए। यदि सप्ताह में एक वार्ड की एक दिन की सफाई में नालों व नालियों की सफाई का काम हाथ में लिया जाये तो शहर की तस्वीर बदलते देर नहीं लगेगी।
शहर के विभिन्न बगीचें अपनी बदहाल स्थिति के नाम पर रो रहे हैं। सिंहस्थ में लाखों श्रद्धालु उज्जैन आएंगे, इसलिए भी शहर के मुख्य मार्गो की ही नही, अपितु शहर के विभिन्न मोहल्लों और काॅलोनियों के बगीचों की भी स्थिति सुधारने की जरूरत हैैं। नगर निगम का इस और ध्यान देना जरूरी हैं।
सिंहस्थ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की अगवाई के लिए उज्जैन का स्वच्छ दिखाई देना बहुत जरूरी हैं। उसके लिए जरूरी यह भी हैं कि शहर के समस्त आंतरिक मार्गो की मरम्मत और साफ-सफाई के साथ सभी नालियों की भी नियमित सफाई की जाये। साथ ही शहर के सभी बगीचें भी साफ होना जरूरी हैं। जनप्रतिनिधियों तथा संबंधित अधिकारियों की महती जिम्मेदारी हैं कि वे इस ओर भी ध्यान देकर सार्थक पहल करें।
आगामी सिंहस्थ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा 100 नई सड़कंे, 4 नए रेलवे ओवर ब्रिज, 8 रिवर ओवर ब्रिज और 15 किलोमीटर लम्बा उज्जैन बायपास के निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं। किंतु उज्जैन शहर के आंतरिक मार्गो की मरम्मत और साफ सफाई पर ध्यान नही दिया जा रहा हैं। सिंहस्थ के दौरान करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावनाओं को देखते हुए शहर के आंतरिक मार्गांे की मरम्मत जहाँ जरूरी हैं, वहीं साफ सफाई पर भी गौर करना आवश्यक हैं।
राज्य सरकार द्वारा सिंहस्थ की तैयारी के संबंध में नई सड़के और ब्रिज पर्याप्त बनाए जा रहे हैं। यहां यह ध्यान रखना जरूरी हैं कि सिंहस्थ अवधि के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं में से अधिकांश उज्जैन के विभिन्न मंदिरों के दर्शन का लाभ भी लेंगे और उज्जैन की प्रसिद्ध कंकु, मेहंदी एवं नमकीन आदि भी लेने के लिए शहर में आएंगे। वर्तमान में उज्जैन के किसी भी काॅलोनी में चले जाएं तो वहां के आंतरिक मार्ग जीर्णोद्धार की प्रतिक्षा करते हुए दिखाई देते हैं। अनेक मोहल्लों की सड़कों की हालत तो बदहाल हैं। उज्जैन के प्रसिद्ध कोठी मार्ग पर पैबंद लग रहे हैं जहाँ से प्रतिदिन नगर के महत्वपूर्ण व्यक्ति तथा अधिकारी निकलते हैं। शहर के किसी भी मोहल्ले में चले जाएं, वहां की सड़कें दयनीय हालत में दिखाई देंगी। उज्जैन और मालवा के रहवासी अतिथियों की आवभगत के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ के प्रत्येक घर में सिंहस्थ अवधि में कोई न कोई मेहमान बाहर से जरूर आएगा। उसके लिए उज्जैनवासियों द्वारा अपने स्तर पर तैयारियां भी कर ली गई हैं। उज्जैन के आंतरिक मार्गो की मरम्मत के लिए अब समय बहुत कम बचा हैं। इसलिए शीघ्र आंतरिक मार्गो के मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर आरंभ किया जाना जरूरी हैं। यह कार्य नगर निगम को करना हैं, लेकिन लगता हैं कि उसका इस और ध्यान ही नही हैं।
नवनियुक्त महापौर श्रीमती मीना जोनवाल, नगर निगम अध्यक्ष श्री सोनू गेहलोत ,नगर निगम आयुक्त श्री अविनाश लवानिया तथा सभी पार्षदों की यह महती जिम्मेदारी हैं कि वे शहर के आंतरिक मार्गो की मरम्मत का कार्य शीघ्र हाथ में लें। उज्जैन के संभागायुक्त डाॅ. रवीन्द्र पस्तोर और कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत की भी महती जिम्मेदारी हैं कि वे इस दिशा में तुरंत पहल आरंभ करें।
इसी प्रकार नगर के किसी भी मोहल्ले अथवा कालोनी में चले जाएं तो वहां पसरी गंदगी बरबस आपका ध्यान आकर्षित करती हैं। प्रत्येक वार्ड में साफ-सफाई के लिए वार्ड के पार्षद और संबंधित अधिकारी की भी महती जिम्मेदारी हैं कि वे शहर के समस्त मोहल्लों एवं कालोनियों में नियमित रूप से साफ-सफाई के लिए अभियान आरंभ करें। यदि प्रतिदिन प्रत्येक मोहल्ले में साफ-सफाई संभव नहीं हैं तो सप्ताह में कम से कम एक दिन उस वार्ड की सफाई के लिए नियम बनाना चाहिए तथा उस नियम के अनुसार वहां की साप्ताहिक साफ-सफाई की जाना जरूरी हैं।
शहर के प्रत्येक मोहल्ले की नालियां और नालों के हाल बेहाल हैं। केवल बारिश
के पूर्व नगर निगम द्वारा बड़े नालों की सफाई का काम हाथ में लिया जाता हैं। किंतु नालियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता । यदि किसी वार्ड में साफ-सफाई दिखती हैं तो वहां के नागरिको को ही इसका श्रेय जाता हैं। नगर निगम के महापौर , अध्यक्ष, आयुक्त और सभी पार्षदों को चाहिए कि प्रत्येक मोहल्ले के नालों तथा नालियों की मरम्मत तथा साफ-सफाई के लिए भी विशेष अभियान चलाया जाए। यदि सप्ताह में एक वार्ड की एक दिन की सफाई में नालों व नालियों की सफाई का काम हाथ में लिया जाये तो शहर की तस्वीर बदलते देर नहीं लगेगी।
शहर के विभिन्न बगीचें अपनी बदहाल स्थिति के नाम पर रो रहे हैं। सिंहस्थ में लाखों श्रद्धालु उज्जैन आएंगे, इसलिए भी शहर के मुख्य मार्गो की ही नही, अपितु शहर के विभिन्न मोहल्लों और काॅलोनियों के बगीचों की भी स्थिति सुधारने की जरूरत हैैं। नगर निगम का इस और ध्यान देना जरूरी हैं।
सिंहस्थ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की अगवाई के लिए उज्जैन का स्वच्छ दिखाई देना बहुत जरूरी हैं। उसके लिए जरूरी यह भी हैं कि शहर के समस्त आंतरिक मार्गो की मरम्मत और साफ-सफाई के साथ सभी नालियों की भी नियमित सफाई की जाये। साथ ही शहर के सभी बगीचें भी साफ होना जरूरी हैं। जनप्रतिनिधियों तथा संबंधित अधिकारियों की महती जिम्मेदारी हैं कि वे इस ओर भी ध्यान देकर सार्थक पहल करें।