गिटार का टूट गया तार : मौत विवेक ऋषि को अपने साथ ले गई-कीर्ति राणा वरिष्ठ पत्रकार
गिटार का टूट गया तार : मौत विवेक ऋषि को अपने साथ ले गई
कीर्ति राणा इंदौर। देश भर में संगीत के जितने शौकीन हैं उनके लिये विवेक ऋषि का नाम जाना-पहचाना है। गिटार और विवेक एक-दूसरे के पर्याय हो गये थे। विवेक की अकस्मात मौत से उनके प्रेमी-पारखी स्तब्ध हैं, गिटार के छह तार में से एक तार टूटने जैसी ही है उनकी मौत।
उन्हें दो दिन से सर्दी-जुकाम ने जकड़ रखा था। मित्र-डॉक्टर संजय अवाशिया को यह परेशानी बताई तो उन्होंने कहा मैं एमआरटीबी में बैठा हूं, तू यहीं आ जा, चेकअप कर लेते हैं। भाई के साथ विवेक हॉस्पिटल पहुंचे, गेट से अंदर घुस ही रहे थे कि बेहोशी के कारण निढाल हो गये। डॉ अवासिया, भाई आदि ने संभाला, सीपीआर दिया, लाईफ सेविंग इंजेक्शन भी लगाया लेकिन विवेक ऋषि को बचाया नहीं जा सका।
अपने जमाने के सुप्रसिद्ध गोताखोर रहे विवेक सबसे कम उम्र (12 वर्ष) में डायविंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते सरकार के विक्रम अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं।खेल कोटे में सरकारी नौकरी भी लग गई लेकिन गिटार के शौक के आगे नौकरी बंधन लगने लगी तो उसे त्याग दिया।देश के सुप्रसिद्ध गिटारिस्ट के रूप में पहचान बना चुके विवेक अपने फन के कारण पहचान के मोहताज नहीं थे।उनके भाई विकास और विनय भी डायविंग में एकलव्य अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं। किसी अन्य शहर में जब ये भाई अपना नाम बताते तो अकसर लोग पूछ लेते थे गिटारिस्ट विवेक के भाई हो क्या?
सरकारी नौकरी का मोह छोड़कर विवेक चोईथराम स्कूल में म्यूजिक टीचर के रूप में ज्यादा खुश थे क्योंकि बच्चों को अपनी तरह हुनरमंद बनाने का सपना पूरा हो रहा था। उनका बेटा नमय भी ड्रमर के रूप में पहचान बना रहा है।पत्नी संस्कृति जाग्रफी की टीचर हैं।पिछले लगभग 21 वर्षों से बीवीएम (बाल विनय मंदिर) फाउन्डेशन के सक्रिय और समर्पित सदस्य एवं एक्ज़ीक्यूटिव कमेटी के सदस्य विवेक ऋषि के अकस्मात निधन से बाविमं के पूर्व सदस्य भी का हत्प्रभ हैं।