जीते जी मार डाला आईएएस को…!-कही-सुनी/कीर्ति राणा(वरिष्ठ पत्रकार)
कही-सुनी/कीर्ति राणा
जीते जी मार डाला आईएएस को…!
परिवारवालों से लेकर आईएएस लॉबी तक हत्प्रभ है कि आईएएस सृष्टि देशमुख के निधन की खबर कैसे, किसने, क्यों वॉयरल की जबकि सृष्टि जिंदा हैं, स्वस्थ हैं और खुद उन्होंने अब सायबर सेल के साथ ही नरसिंहपुर पुलिस से उनकी मौत संबंधी इस झूठी खबर की सच्चाई पता करने का आवेदन भी दे दिया है।
नरसिंहपुर के गाडरवारा में एसडीएम पदस्थ सृष्टि देशमुख के निधन की इस झूठी खबर को सच मान बैठे लोगों ने श्रद्धांजली देने में विलंब भी नहीं किया।भोपाल निवासी देशमुख परिवार की पुत्री सृष्टि ने यूपीएससी परीक्षा 2018 में देश में पांचवीं और महिला वर्ग में पहली रैंक हांसिल की थी।सोशल मीडिया पर दीपावली के आसपास उनके निधन की खबर वॉयरल हुई, तब से यह सिलसिला चल रहा है।यह मान्यता है कि निधन की झूठी खबर से उम्र बढ़ जाती है लेकिन इससे उपजा तनाव कितना पीड़ादायी होता है इसे देशमुख परिवार ही जानता है। अब तेजी से जांच हो तब ही पता चल सकता है ऐसी खबर क्यों फैलाई गई।
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86 में से 4, इनमें से एक कौन ?
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के अगले कुल गुरु के लिये 86 आवेदनों में से तीन सदस्यीय चयन समिति ने 4 नामों का पेनल बनाया है। तय किये गये चार नाम में विजय मनोहर तिवारी, विकास दवे, आशीष जोशी और प्रो अनिल कुमार सौमित्र हैं। इन चारों में से किसी एक का नाम मुख्यमंत्री को तय करना है। बहुत संभव है कि 15 दिसंबर तक घोषणा हो जाए। अभी जो कुलगुरु थे प्रो केजी सुरेश बंगले से पर्दे-बर्तन आदि सामान साथ ले जाने और उनसे पहले रहे प्रो बृज किशोर कुठियाला भी कुछ ऐसे ही विवादों के कारण चर्चा में रहे थे।
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प्रदर्शन में यह चिंतन भी
बांग्लादेश में अल्पंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ इंदौर के लालबाग में भी डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल लोगों में यह भी चर्चा रही कि हमें प्रदर्शन करने की नौबत ही नहीं आती यदि वहां मची उथल-पुथल के दिन से ही हमारी सरकार रवैया सख्त रखती, शेख हसीना को शरण नहीं देती।लोगों की यह भी प्रतिक्रिया थी कि प्रदर्शन कर के हम अपनी सरकार की ही ढिलाई का विरोध कर रहे हैं।लालबाग में जुटने वाली भीड़ में इस तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले भी तब चुप हो जाते थे जब भगवा ध्वज थामे नेता अपने समर्थकों के साथ पास आते दिखते थे।
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क्षिप्रा के सेवकों पर भारी जिम्मेदारी
इस बार के सिंहस्थ और सरकार को मणि-कांचन संयोग कहने में हर्ज नहीं।पहले भी भाजपा को सिंहस्थ कराने का अवसर मिलता रहा है। 2028 के सिंहस्थ में जो खास रहना है वह यह कि मुख्यमंत्री यादव भी इसी शहर के हैं।
सिंहस्थ चाहे 2004 का रहा या 2016 का क्षिप्रा को सदा नीरा दिखाने के लिये टैंकरों से पानी छोड़ा जाता था।तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती से लेकर शिवराज सिंह चौहान तक ने क्षिप्रा को गंदगी मुक्त करने के ठोस प्रयास नहीं किए।2028 के सिंहस्थ में विश्व से आने वाले श्रद्धालुओं की मेजबानी मुख्यमंत्री यादव करेंगे तब उनके लिये श्रद्धालुओं को क्षिप्रा के जल में ही स्नान कराने की चुनौती भी रहेगी।ऐसा नहीं कि पूर्ववर्ती सरकारों ने क्षिप्रा शुद्धिकरण के लिये कुछ नहीं किया बीते दो सिंहस्थ (24 साल में) अरबों खर्च हो चुके हैं। अब जो राशि क्षिप्रा को प्रवाहमान बनाने के लिये खर्च होगी उसका उपयोग सही नहीं हुआ तो सरकार के मुखिया पर भी आंच आएगी, इस गंभीरता को मुख्यमंत्री भी जानते हैं वो खुद क्षिप्रा के उदगम से बहाव क्षेत्र तक की यात्रा कर चुके हैं, सिंहस्थ मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे वरिष्ठ भाजपा नेता दिवाकर नातू भी क्षिप्रा बहाव क्षेत्र की पदयात्रा कर चुके हैं और अब मुख्यमंत्री के सलाहकार हैं तो क्षिप्रा के उद्धार के लिये सही अर्थों में इस बार ही काम होगा।
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तेरा लाख-लाख शुक्र है…
भोपाल में इज्तिमा बिना किसी खलल के सम्पन्न होने से पुलिस प्रशासन भी टेंशन फ्री हो गया। इसका श्रेय प्रशासनिक व्यवस्थाओं से ज्यादा मुस्लिम समाज के उन सैंकड़ों वॉलिंटियर को जाता है जो भोपाल की और जाने वाले अंतरप्रांतीय मार्गों पर सतत चौबीस घंटे यातायात व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। इन समयदानी सेवकों की सजगता का ही परिणाम रहा कि इज्तिमा शुरु होने से लेकर समापन तक किसी भी मार्ग पर ट्रैफिक जाम की स्थिति नहीं बनी। कहीं जरा सी भई गड़बड़ी हो जाती तो कितना बवाल हो जाता इसकी कल्पना ही की जा सकती है।
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पीटा भाजपाइयों ने फंसाया कांग्रेसियों को !
महिदपुर में भाजपा के पूर्व विधायक बहादुर सिंह चौहान के साथ मारपीट करने वाले भी पार्टी के ही लोग थे, वीडियो में इस की पुष्टि भी हो गई लेकिन इस पिटाई कांड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम एफआईआर में लिखाए जाने से कांग्रेस नेताओं का भड़कना स्वाभाविक ही है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एफआईआर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम नहीं हटाने पर आंदोलन की चेतावनी देकर कुछ गलत भी नहीं किया। वीडियो में भी स्पष्ट हो गया कि पूर्व विधायक चौहान के साथ मारपीट करने वाला सौदान सिंह भाजपा का ही कार्यकर्ता निकला है।
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मांडू को होटलों की सौगात
इस बार सिंहस्थ-28 के पहले पर्यटन स्थल मांडू (धार) को भी होटलों की सौगात मिल जाएगी। चूंकि मांडू उज्जैन-इंदौर-ओंकारेश्वर से जुड़ा है तो यहां भी सिंहस्थ अवधि में पर्यटकों का दबाव रहेगा। इसे समझते हुए दिल्ली, भोपाल, उदयपुर की होटलों ने मांडू में भी दिलचस्पी दिखाई है। पर्यटन विभाग ने इन्हें जमीन भी आवंटित कर दी है।इन बड़ी होटलों के शुरु होने के बाद हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार भी तो मिल जाएगा।
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मतदाताओं ने नकारा, सरकार पुचकारे
विजयनगर उपचुनाव में मतदाताओं द्वारा नकार दिये जाने के बाद पूर्व वन मंत्री रामनिवास रावत समझ नहीं पार हे हैं कि उन्हें नागर सिंह चौहान की बुरी नजर लग गई या भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने विश्वास लायक नहीं समझा। अब उनकी सारी उम्मीद मुख्यमंत्री यादव पर टिकी है। पुनर्वास में निगम-मंडल में कहीं मौका मिल जाए तो ठसक बनी रहेगी। ऐसा सम्मान पाना तभी आसान हो सकता है जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मन में प्रेम उमड़ने लगे वैसे विजय नगर चुनाव प्रचार को लेकर वह साफ कह चुके हैं कि मुझे किसी ने बुलाया नहीं इसलिये गया भी नहीं।सिंधिया के इस बयान की हवा प्रदेश भाजपा कार्यालय प्रभारी भगवानदास सबनानी ने यह कह कर निकाल चुके हैं कि सिंधिया को बुलाया गया थआ लेकिन वो गये ही नहीं।
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अदालत पर बोझ बना खंडवा प्रशासन
खंडवा जिला प्रशासन यदि स्व विवेक से काम लेता तो राजेंद्र तिवारी को 17 साल कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।प्रशासन से भरोसाा लेकिन हाइकोर्ट के फैसले से आम आदमी का न्याय व्यवस्था पर विश्वास मजबूत हुआ है। घर के पास अवैध तरीके से लगाए गए मोबाइल टॉवर से अपनी बेटियों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव की चिंता करते हुए राजेंद्र तिवारी ने जिला प्रशासन में शिकायत पर शिकायत की, खंडवा कलेक्टर बदलते गए लेकिन उनकी शिकायत पर कोई निर्णय नहीं हुआ। कोर्ट की शरण ली और और 17 साल बाद वहां से आदेश पारित हुआ कि तत्काल टॉवर हटाएं।इस फैसले के बाद प्रदेश के मुख्य सचिव को भी कलेक्टरों के लिये नये सिरे से गाइड लाइन जारी करने पर सोचना चाहिए।
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तीन या चार, आखिर कितने करें ?
बागेश्वरधाम वाले पं. धीरेंद्र शास्त्री ने करेरा (शिवपुरी) में देश में घटती हिंदुओं की संख्या में वृद्धि के लिए चार बच्चे पैदा करने और इनमें से दो सनातन धर्म के लिए समर्पित करने का आह्वान कर दिया है। इससे पहले आरएसएस चीफ मोहन भागवत तीन बच्चे पैदा करने की सलाह दे चुके हैं।हम इतने संतों-शंकराचार्यो-धर्मगुरुओं में आस्था रखते हैं यदि सबने अपने हिसाब से तय कर दिया कि कितने-कितने बच्चे पैदा करना चाहिए तो जनसंख्या के मामले में तो भारत के सबसे अच्छे दिन आ ही जाएंगे।
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खाद से ज्यादा ज्ञान का संकट
प्रदेश में खाद संकट चर्चा का मुद्दा इसलिये भी नहीं होना चाहिये कि यह हर सरकार में रहता आया है। इस सरकार में खाद से ज्यादा तो ज्ञान का संकट चर्चा में है।खाद का सीधा ताल्लुक कृषि मंत्रालय से है जिसकी जिम्मेदारी सीधे-सीधे कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना की है। कृषि मंत्री ही सार्वजनिक रूप से कहें कि वितरण गड़बड़ी के लिये उवर्रक और सहकारिता विभाग जिम्मेदार है तो यह ज्ञान का संकट ही माना जाएगा ना क्योंकि वितरण कराने का दायित्व तो कृषि विभाग का ही है।
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नेता का वादा बह गया साथ
सीधी की सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर लीला साहू पांच महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी से अपने गांव की सड़क बनवा देने की गुहार लगाने वाले वीडियों के कारण चर्चा में रही थी। तब क्षेत्रीय सांसद डॉ राजेश मिश्रा ने वादा किया था कि नवंबर से उनके गांव की सड़क का काम शुरु हो जाएगा। नवंबर बीत गया, सड़क तो बनी नहीं। लीला साहू ने नया वीडियो जारी कर दिया है। इसमें वो कह रही हैं-'आपको क्या लगता था, हम नहीं लौटेंगे? जब तक इसे तोड़ेंगे नहीं, तब तक नेता जी को छोड़ेंगे नहीं.. गई नवंबर, गई बरसात, नेता का वादा बह गया साथ।
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