लोकमान्य नगर की उस गली का मकान तो रहेगा, मालिक का नाम बदल गया -कीर्ति राणा (वरिष्ठ पत्रकार)
लोकमान्य नगर की उस गली का मकान तो रहेगा, मालिक का नाम बदल गया -कीर्ति राणा (वरिष्ठ पत्रकार)
•••आप ने ये मकान भले ही बेच दिया लेकिन इंदौर में बहुत से घर हैं आप के, वो कहते रहे समय मिले तो नागपुर आना
इंदौर।लोकमान्य नगर गेट नंबर दो, पहला राइट लेकर तीसरा लेफ्ट, नंबर 225 इस पते वाली नेम प्लेट पर मुकुंद कुलकर्णी की जगह 19 नवंबर से जौहरी परिवार का नाम नजर आने लगेगा।मकान का सौदा हो गया है, बेटी डॉ स्मिता हरकारे आई-बाबा को लेने आ गई है, कुलकर्णी परिवार इंदौर की यादों का गट्ठर सहित घर का सामान लेकर नागपुर जा रहा है।
शनिवार की सुबह अभ्यास मंडल के साथी, मीडियाकर्मी और मुकुंदा के प्रेमी उन्हें अलविदा कहने जरूर इकट्ठे हुए थे लेकिन मन से यही चाहते थे कि वो नहीं जाएं।किसी ने मुकुंदा को (गांधी) टोपी पहनाई, किसी ने हार-गुलदस्ता, किसी ने स्मृति चिह्न, किसी ने एक दर्जन केले, शाल-श्रीफल-मिठाई भेंट की।
वयोवृद्ध सुहासिनी सबसे कह रही थीं तुम लोगों का जब भी मन करे नागपुर जरूर आना। 92 वें जन्मदिन की बधाई देने जुटे इंदौरी कह रहे थे मुकुंदा आप ने ये घर भले ही बेच दिया हो लेकिन हम सब के घर आप के लिये हैं, जब मन करे इंदौर आ जाना।
अभ्यास मंडल के पूर्व अध्यक्ष शिवाजी मोहिते ने वॉटस एप ग्रुप पर शुक्रवार को मैसेज डाला था कि शनिवार की सुबह लोकमान्य नगर जाएंगे, साढ़ दस बजे गेट नंबर दो पर आ जाएं।इस मैसेज के आधार पर ही सारे लोग एकत्र हो गए थे।स्वागत-सम्मान के साथ ही व्याख्यानमाला से जुड़ी यादों की चर्चा भी होती रही।विदाई का माहौल वैसे तो गमगीन रहता है लेकिन यहां नाश्ता-पानी के साथ हंसीठट्ठा, सेल्फी और ग्रुप फोटो का सिलसिला भी चला।ये ग्रुप विदा हुआ कि फिर उनके अन्य मित्रों का आना-जाना लगा रहा।
कुलकर्णी दंपत्ति को विदाई देने प्रदेश इंटक अध्यक्ष श्याम सुंदर यादव, कवि सरोज कुमार से लेकर दिलीप वाघेला, सुभाष खण्डेलवाल, कीर्ति राणा, राजेन्द्र जैन, किशन सोमानी, सुनील व्यास,शरद सोमपुरकर, शब्बीर हुसैन, प्रदीप नवीन, पराग जटाले, शफी शेख, पीसी शर्मा, एनके उपाध्याय, तपेंद्र सुगंधी, दीप्ति गौर, श्रीमती त्रिवेदी,नूर मोहम्मद कुरैशी,वैभव ठाकुर, मुरली धमानी आदि पहुंचे थे।