मुख्यमंत्री मोहन यादव का जन्माष्टमी पर चंदेरी दौरा: बुनकरों की कला और उनकी मेहनत के प्रति गहरी सराहना
भोपाल: कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अशोकनगर जिले के चंदेरी की ऐतिहासिक धरती पर कदम रखा, जहाँ उन्होंने इस क्षेत्र की विश्व प्रसिद्ध हैंडलूम साड़ियों की बुनाई की कला को करीब से देखा और बुनकरों की कठिनाइयों को समझा।
राजा शिशुपाल की प्राचीन नगरी चंदेरी में मुख्यमंत्री ने सबसे पहले हैंडलूम पार्क का दौरा किया। यहाँ उन्होंने बुनकरों से सीधे संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुना। सीएम ने बुनकरों की साड़ी बनाने की प्रक्रिया को समझने के लिए खुद लूम मशीन चलाई, और इस कला के हर पहलू को खुद से अनुभव किया। यह पल बुनकरों के लिए विशेष रूप से अर्थपूर्ण था, क्योंकि यह दर्शाता था कि उनकी मेहनत और कला को केवल समझा नहीं, बल्कि सराहा भी जा रहा है।
हैंडलूम पार्क में बुनकरों ने मुख्यमंत्री को 18 हजार रुपए मूल्य की एक भव्य साड़ी गिफ्ट में देने की व्यवस्था की थी। लेकिन, सीएम मोहन यादव ने इस महंगी साड़ी को स्वीकार करने से मना कर दिया। उनकी सादगी का एक और उदाहरण पेश करते हुए, उन्होंने अपनी जेब से 1500 रुपए निकालकर खुद के लिए एक कुर्ता खरीदा।
मुख्यमंत्री का यह सादगी भरा कदम और बुनकरों की कला के प्रति उनकी गहरी सराहना ने सबके दिलों को छू लिया। यह घटना न केवल चंदेरी के बुनकरों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बन गई है। सीएम की यह भावना दर्शाती है कि एक नेता का सच्चा कर्तव्य न केवल अपनी जिम्मेदारियों को निभाना है, बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर और लोगों की मेहनत को समझना और सम्मान देना भी है।