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पद्मश्री लेखिका मालती जोशी का 90 साल की आयु में निधन, अंतिम संस्कार आज


पद्मश्री से अलंकृत लोकप्रिय कथाकार श्रीमति मालती जोशी का स्वर्गवास आज दिल्ली में हुआ । वे 90 वर्ष की थी । उनके अंतिम समय में उनके दोनों पुत्र ऋषिकेश और सच्चिदानंद तथा पुत्र वधूए अर्चना और मालविका उनके पास थे। वे पिछले कुछ समय से आइसोफ़ेगस के कैंसर से पीड़ित थी। उन्होंने अपने बेटे, साहित्यकार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी के आवास पर पर अंतिम सांस ली।
पचास से अधिक हिन्दी और मराठी कथा संग्रहों की लेखिका मालती जोशी शिवानी के बाद  हिन्दी की सबसे लोकप्रिय कथाकार मानी जाती हैं। वे अपने कथा कथन की विशिष्ट शैली के लिए जानी जाती थी। उनके साहित्य पर देश के कई विश्वविद्यालय में शोध कार्य हुए हैं। मालती जोशी की कहानी कहने की शैली ने देश भर के कई विश्वविद्यालयों में उनके साहित्यिक कार्यों पर किए गए शोध से उन्हें एक विशिष्ट पहचान दिलाई। मालती जोशी को 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। मालती ने हिंदी और मराठी भाषा को मिलाकर 60 से अधिक किताबों का लेखन किया है।  पचास से अधिक हिन्दी और मराठी कथा संग्रहों की लेखिका मालती जोशी शिवानी के बाद हिन्दी की सबसे लोकप्रिय कथाकार मानी जाती हैं। उनके साहित्य पर देश के कई विश्वविद्यालयों में शोध कार्य हुए हैं।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में 4 जून, 1934 को उनका जन्म हुआ। बाद में वे इंदौर में भी रही हैं. वे किशोरावस्था से ही लेखन कार्य करने लगी थीं। खास बात यह कि मालती जोशी के लेखन की शुरुआत भी कविता से हुई। अपनी आत्मकथा में उन दिनों को याद करते हुए उन्होंने लिखा है, मुझमें तब कविता के अंकुर फूटने लगे थे।कॉलेज के जमाने में इतने गीत लिखे कि लोगों ने मुझे 'मालव की मीरा' की उपाधि दे डाली पर अब कविता छूट गयी है, रूठ गयी है। उनकी पहली कहानी साल 1971 में ‘धर्मयुग' में भेजी, जिसके छपने के बाद तो वह भारतीय साहित्य, खासकर हिंदी जगत के पाठकों की चहेती लेखिका बन गईं. यह और बात है कि कालांतर में उनकी कहानियां मराठी, उर्दू, बांग्ला, तमिल, तेलुगू, पंजाबी, मलयालम, कन्नड के साथ अंग्रेजी, रूसी तथा जापानी भाषाओं में भी अनूदित हो कर छप चुके हैं. अपनी सहज, सरल और संवेदनशील भाषा से मालती जोशी ने हिंदी कथा साहित्य में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई।

उनका अंतिम संस्कार आज ( 16/5/24) को लोधी रोड शव दाह गृह में होगा ।

दुःख की इस घड़ी में,  रेडियो दस्तक 90.8 FM उज्जैन, लोकनब्ज और दस्तक न्यूज़ परिवार जोशी परिवार के साथ गहरी संवेदना व्यक्त करता है।

हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और उनके परिजनों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।

मातृशोक अत्यंत कष्टदायी होता है, और हम इस कठिन समय में जोशी परिवार के साथ खड़े हैं।

हम दिवंगत आत्मा की याद में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।

यह दुःखद समाचार सुनकर हमें अत्यंत दुःख हुआ है।

हम दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने और उनके परिवार को इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं।

ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।

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