नरवाई का उपयोग निम्न तरीकों से किया जाता है
उज्जैन- कृषक नरवाई जलाने की अपेक्षा अवशेषों और डंठलों को एकत्रित कर जैविक खाद जैसे- भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट आदि बनाने में उपयोग किया जाए तो वे बहुत जल्दी सड़कर पोषक तत्वों से भरपूर जैविक खाद बना सकते है। खेत में कल्टीवेंटर, रोटावेटर या डिस्क हेरो आदि की सहायता से फसल अवशेषों को भूमि में मिलाने से आने वाली फसलों में जीवांश खाद कि बचत की जा सकती है। तो पशुओ के लिए भूसा और खेत के लिए बहुमूल्य पोषक तत्वों की उपलब्धता बढने के साथ मिट्टी की संरचना को बिगडने से बचाया जा सकता है। कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रॉ-मैनेजमेंट सिस्टम को सामान्य हार्वेस्टर से गेहूं कटवाने के स्थान पर स्ट्रा-रीपर एवं हार्वेस्टर का प्रयोग करना चाहिये।उल्लेखनीय है कि नरवाई में आग लगाने पर पुलिस द्वारा प्रकरण भी कायम किया जा सकता है। अतः उपरोक्त लाभों को ध्यान में रखते हुए किसान भाईयों को नरवाई में आग नहीं लगाने एवं नरवाई को गहरी जुताई कर खेत में मिलाने की सलाह दी जाती है।