इंकलाब का प्रतीक बन गया भगतसिंह का नाम -छाबड़ा
उज्जैन | भगतसिंह ने कहा था कि हमारा बलिदान इंकलाब का प्रतीक बन जाएगा, ठीक वैसा ही हुआ। आज भगतसिंह के नाम इंकलाब का प्रतीक बन गया है। वह हर युग में नौजवानों को शोषण, अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देता है।
यह बात यूएस छाबड़ा ने क्रांतिवीर भगतसिंह के शहादत दिवस के अवसर पर जनसंगठनों के संयुक्त रूप से आयोजित सभा में कही। मुख्य वक्ता प्रो. अरुण वर्मा ने भगतसिंह के गुरु छबील दास के संस्मरणों को साझा किया। अतिथि रेणुका गांधी, जितेंद्र सिंह सेंगर, राम त्यागी, जगदीश वाडिया ने भी संबोधित किया। मानसिंह शरद ने कविता के माध्यम से अपने भाव व्यक्त किए। बाल किशन, नजाकत नाज, रमेश शर्मा आदि मौजूद थे। आभार कमल राय ने माना।