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गोपनीय विभाग में पदस्थ अधिकारी ही एलएलबी प्रथम वर्ष की परीक्षा दे रहे हैं


विक्रम विश्वविद्यालय में मनमानी चरम पर है। गोपनीय विभाग में पदस्थ अधिकारी ही एलएलबी प्रथम वर्ष की परीक्षा दे रहे हैं, जबकि नियमानुसार गोपनीय विभाग में पदस्थ किसी कर्मचारी या अधिकारी के बच्चे भी परीक्षा में शामिल होते हैं तो उन्हें विभाग से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया जाता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि परीक्षा की गोपनीयता कैसे रहेगी।

विक्रम विश्वविद्यालय में नियमों की अनदेखी का मामला नया नहीं है। विश्वविद्यालय ने इस बार गोपनीय विभाग में पदस्थ सहायक कुलसचिव चैनराम पंवार को एलएलबी प्रथम वर्ष की परीक्षा देने की अनुमति दे दी। एलएलबी प्रथम वर्ष की परीक्षा 27 फरवरी से शुरू हो गई है। पहला प्रश्न पत्र भी हो गया है। हालांकि परीक्षा देने के लिए सहायक कुलसचिव पंवार ने 27 फरवरी को अवकाश लिया था।

विश्वविद्यालय में गोपनीय विभाग का यह दायित्व सहायक कुलसचिव पंवार विश्वविद्यालय के उस विभाग में काम कर रहे हैं, जहां से परीक्षा का संपूर्ण काम किया जाता है। गोपनीय विभाग विश्वविद्यालय की आयोजित होने वाली परीक्षा के प्रश्न पत्र बनवाने से लेकर वितरण करने और उसके बाद उत्तर-पुस्तिका का मूल्यांकन करवाने की जिम्मेदारी होती है। विभाग का मुख्य कुलसचिव ही होता है। ऐसे में प्रश्न पत्र बनवाने और उत्तर-पुस्तिका का मूल्यांकन करवाने वाले परीक्षा में शामिल होंगे तो गोपनीयता कहां रहेगी।

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