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मां के गर्भ से ही मातृभाषा की शुरुआत


राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा को विशेष महत्व दिया गया है। मां के गर्भ से ही मातृभाषा की शुरुआत होती है। व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास मातृभाषा से ही संभव है।

यह बात माधव कॉलेज के मराठी विभाग के विद्यार्थियों ने संभव करके दिखाया है। समरसता की भाषा मराठी भाषा है। मंगलवार को मराठी विभाग द्वारा मराठी भाषा गौरव दिन कवि श्रेष्ठ कुसुमाग्रज जयंती, वि.वा. शिरवाडकर-मराठी साहित्य के सर्वोत्कृष्ट लेखक एवं मराठी विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष लेखिका स्व. डॉ. अपर्णा जोशी के जन्मदिवस पर प्रीत्यर्थम कुसुमांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डॉ. आरआर गोरास्या ने की। उन्होंने कहा हमारे महाविद्यालय में हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, मराठी, उर्दू इन पांच भाषा में पठन-पाठन किया जाता है। हमारे महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका डॉ. राजश्री शर्मा पांच भाषाओं को जानती हैं और बोलती भी हैं।

इस अवसर पर आईक्यूएसी की प्रभारी आैर चित्रकला एवं मराठी की विभागाध्यक्ष डॉ. अल्पना उपाध्याय के विद्यार्थी देव परमार द्वारा राज्य स्तरीय युवा उत्सव में दो विधाओं में द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने पर महाविद्यालय की ओर से उनका सम्मान किया गया। संचालन मराठी विभाग की डॉ. शैलजा साबले ने किया। इस अवसर पर सुचित्रा पंडित, राजश्री जोशी, सुचित्रा केतकर, दिनेश क्षीरसागर, डॉ. सीमा अवास्या, डॉ. केदार गुप्ता सहित अन्य प्राध्यापकगण उपस्थित थे। जानकारी डॉ. रफीक नागौरी ने दी।

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