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विक्रम उद्योगपुरी से सटे 7 गांव की 1280 एकड़ जमीन लेने का प्रस्ताव


यहां विक्रम उद्योगपुरी में 50 से ज्यादा उद्योगों ने जमीन ले ली है। आधे से ज्यादा तो शुरू होने की तैयारी में हैं। इसके साथ बड़ी खबर तो ये है कि यहां अब और उद्योगों के लिए जमीन नहीं बची है, जबकि कई उद्योग इंतजार में हैं। इसलिए अब यहां नए सिरे से एक और इंडस्ट्रियल एरिया का प्रस्ताव है। इसके लिए विक्रम उद्योगपुरी से जुड़े सात गांवों की लगभग 1280 एकड़ जमीन ली जाएगी। पूरा प्रस्ताव राज्य के उद्योग विभाग को भेजा गया है।

इस प्रस्ताव के मुताबिक इन आठ गांवों के कुल 663 किसानों की कुल 479.46 हेक्टेयर यानी 1280 एकड़ जमीन अधिग्रहण करनी होगी। इसके तहत करीब 370 करोड़ का मुआवजा फिलहाल प्रस्तावित किया गया है। हालांकि इसकी गणना वर्तमान गाइडलाइन के हिसाब से की गई है लेकिन यहां जमीन का बाजार मूल्य पहले से ही बढ़ चुका है, इसलिए गाइडलाइन बदलना होगी। इसके बाद मुआवजा भी उसी हिसाब से बनेगा। नया इंडस्ट्रियल एरिया विक्रम उद्योगपुरी से भी बड़ा होगा।

विक्रम उद्योगपुरी में 1133 एकड़ भूमि है। विक्रम उद्योगपुरी दो हिस्सों में बांटी गई है। पहला उद्योगपुरी और दूसरा मेडिकल डिवाइस पार्क। मेडिकल डिवाइस पार्क केंद्र की योजना के तहत यहां बनाया गया है। इसमें अब तक 25 से ज्यादा प्लांट्स को 40 प्लॉट आवंटित किए जा चुके हैं। अभी यहां 50 से ज्यादा प्लॉट खाली हैं लेकिन ये सभी छोटे प्लॉट हैं, जो मेडिकल डिवाइस कंपनियों को ही दिए जा सकते हैं। इसके अलावा विक्रम उद्योगपुरी में अब एक भी बड़ा प्लॉट नहीं बचा है।

डीएमआईसी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश राठौर ने बताया कि हाल ही में विक्रम उद्योगपुरी में एमडीएच मसाले वालों को 6 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है। यही अंतिम बड़ा प्लॉट था। अभी भी प्रमुख रूप से इंड्यूरा फैब टैक्सटाइल कंपनी को 20 हेक्टेयर जमीन चाहिए। इसके अलावा बेस्ट वाले विस्तार चाहते हैं।

टीएसीसी टैक्सटाइल कंपनी ने भी संपर्क किया है लेकिन हमारे पास जमीन ही नहीं है। हमने प्रस्ताव भेजा है, ताकि सभी बड़े उद्योगों काे जमीन दी जा सके। इससे ही यहां रोजगार मिलेगा। हाल ही में सांसद अनिल फिरोजिया ने विक्रम उद्योगपुरी का निरीक्षण किया तो उन्हें अफसरों ने यह बात बताई कि नए उद्योग इंतजार में हैं लेकिन अब और जमीन यहां नहीं है।

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