मंत्रिमंडल विस्तार में नहीं चलेगा पट्ठावाद
दिनेश निगम ‘त्यागी’,वरिष्ठ पत्रकार
जिस प्रकार मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों के चयन में रसूखदार नेताओं की नहीं चली, ठीक इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मंत्रिमंडल का गठन होगा। लोकसभा चुनाव की दृष्टि से इसमें क्षेत्रीय और जातीय संतुलन तो साधा जाएगा लेकिन पट्ठावाद बिल्कुल नहीं चलेगा। अर्थात रसूखदार नेताओं का समर्थक होने के कारण किसी को मंत्री नहीं बनाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार पहले चरण में 26-27 मंत्रियों को शामिल कर शपथ दिलाई जाएगी और आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री पद खाली रखे जाएंगे। हमेशा की तरह नेतृत्व मंत्रिमंडल के गठन में भी सभी को चौंका सकता है।
मोहन-वीडी लेकर जाएंगे संभावित मंत्रियों की सूची
मंत्रिमंडल के गठन पर भी केंद्रीय नेतृत्व की मुहर लगेगी। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा संभावित मंत्रियों की सूची लेकर दिल्ली जाएंगे। वहां नेतृत्व के साथ सूची पर डिस्कशन होगा। नाम जोड़े और घटाएं जाएंगे। इसके बाद फायनल सूची के अनुसार मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी।
वरिष्ठ और नए के बीच सधेगा संतुलन
मंत्रिमंडल के गठन में भी मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों का फार्मूला अपनाया जा सकता है। इसके तहत वरिष्ठ और नए विधायकों के बीच संतुलन साधा जा सकता है। कुछ वरिष्ठों के साथ नए मंत्री ज्यादा बनाए जा सकते हैं। जैसे 8-9 वरिष्ठ मंत्रियों के साथ 16-18 नए विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।
चंबल-ग्वालियर अंचल से ये बन सकते मंत्री
भाजपा सूत्रों के अुनसार अंचलों में मिली सीटों के संख्या के आधार पर मंत्रियों की संख्या तय हो सकती है। इस आधार पर चंबल- ग्वालियर, बुंदेलखंड, विंध्य और मध्य अंचल से 4-4 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें जातीय संतुलन भी साधा जाएगा। जैसे, चंबल-ग्वालियर से नेता प्रतिपक्ष को हराने वाले अंबरीश शर्मा, जनता के बीच सक्रिय प्रद्युम्न सिंह तोमर, केपी सिंह को हराने वाले देवेंद्र कुमार जैन और घनश्याम सिंह को हराने वाले प्रदीप अग्रवाल को मंत्री बनाया जा सकता है। नरेंद्र सिंह तोमर पहले ही विधानसभा अध्यक्ष घोषित किए जा चुके हैं।
बुंदेलखंड, विंध्य में ये हो सकते चेहरे
बुंदेलखंड और विंध्य से मंत्रिमंडल में वरिष्ठ और कनिष्ठ के बीच संतुलन के तहत चेहरे तय किए जाएंगे। बंुंदेलखंड से नरयावली विधायक प्रदीप लारिया, छतरपुर की ललिता यादव और जबेरा के धर्मेंद्र लोधी को मौका मिल सकता है। इनके अलावा वरिष्ठों में गोपाल भार्गव, भूपेेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, जयंत मलैया और बृजेंद्र प्रताप सिंह में से 1 अथवा 2 को मौका मिल सकता है। विंध्य अंचल से सीधी की रीति पाठक, जयसिंह नगर की मनीषा सिंह, मऊगंज से प्रदीप पटेल और रामपुर बघेलान से जीते विक्रम सिंह को मौका मिल सकता है। इस अंचल के राजेंद्र शुक्ला पहले ही उप मुख्यमंत्री बन चुके हैं।
महाकौशल से बनाए जा सकते हैं 5 मंत्री
महाकौशल अंचल में भाजपा को इस बार 38 में से 21 सीटें मिली हैं। यह कमलनाथ का भी इलाका है। इसलिए यहां से 5 मंत्री बनाए जा सकते हें। इनमें बहोरीबंद के प्रणव पांडे, नरसिंहपुर के प्रहलाद पटेल और बैतूल के हेमंत खंडेलवाल को मौका मिल सकता है। इनके अलावा जबलपुर के राकेश सिंह और गाडरवारा के उदयप्रताप सिंह में से किसी एक को मौका मिल सकता है। ये दोनों पूर्व सांसद हैं। इसी प्रकार शहपुरा के ओम प्रकाश धुर्वे और मंडला की संपतिया उइके में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है।
मालवा-निमाड़ से बन सकते सर्वाधिक मंत्री
मालवा- निमाड़ अंचल में सर्वाधिक 66 सीटें हैं। भाजपा ने इनमें से 48 सीटें जीती हैं। इसलिए यहां से सर्वाधिक मंत्री बनाए जा सकते हैं। इंदौर से तुलसीराम सिलावट के अलावा कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मैंदोला में से किसी एक काे मंत्री बनाया जा सकता है। इनके अलावा सज्जन सिंह वर्मा को हराने वाले राजेश सोनकर, दीपक जोशी को हराने वाले आशीष शर्मा, हरसूद के विजय शाह, नेपानगर की मंजू राजेंद्र दादू मंत्री बन सकते हैं।
भोपाल के आसपास भी कम दावेदार नहीं
प्रदेश के मध्य अंचल अर्थात भोपाल के आसपास मंत्री पद के दावेदारों की संख्या कम नहीं है। इस बार रामेश्वर शर्मा, विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, विष्णु खत्री में से दो मंत्री बन सकते हैं। रायसेन जिले में प्रभुराम चौधरी और सुरेंद्र पटवा में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है। इनके अलावा सीहोर के सुदेश राय और खिलचीपुर में पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह को हराने वाले हजारीलाल दांगी मंत्री बनाए जा सकते हैं। संभावित मंत्रियों की यह सूची सूत्रों पर आधारित है क्योंकि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी क्या करेगी, कोई नहीं जानता।
...000...