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सरकारी और निजी स्कूलों में नियुक्त हों वैदिक गुरु : महंत रविन्द्र पुरी


ज्ञान,विचार,गुण और संस्कार से बड़ा होता है आदमी
एमजी  कॉलेज में  हुआ 84 बटुकों का उपनयन  संस्कार

डॉ. नवीन आनंद सहित देश के 5 पत्रकारों को ब्राह्मण गौरव सम्मान दिया गया 

सियाराम पांडेय 'शांत' की काव्य कृति 'मणिपुर की आग' का विमोचन

उन्नाव। बैसवारा ब्राह्मण उत्थान समिति के तत्वावधान में  छंछिराईखेड़ा, सुमेरपुर स्थित एम जी कॉलेज ऑफ साइंस,आर्ट एंड कल्चर के तत्वावधान में द्वादश विश्व वैदिक सम्मेलन एवं सामूहिक उपनयन संस्कार सम्पन्न हुआ।  इस अवसर पर श्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा परिषद,महानिर्वाणी के सचिव महंत स्वामी रविन्द्र पुरी जी महाराज ने उपनयन संस्कार में दीक्षित  84 बटुकों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि  मनुष्य धन,वैभव से नहीं, ज्ञान,विचार,गुण और संस्कार से बड़ा होता है। उपनयन संस्कार के बिना जीवन निष्फल होता है। संस्कारों की प्रथम प्रक्रिया मां से शुरू होती है और फिर गुरु से। मां से  संस्कारों की जो प्रक्रिया आरम्भ होती है,गुरु उसे परिष्कृत करता है।इसके बाद वह समाज जीवन में आता है ।  यूं तो भारतीय संस्कृति में  16 संस्कार हैं। लेकिन अग्नि संस्कार, जल संस्कार व वायु संस्कार प्रमुख है। उन्होने कहा कि समाज में ब्राम्हण अर्थात गुरू नही रहेगा ताे समाज भ्रमित हो जायेगा। जब जब साधु व ब्राम्हण में फूट पडती है समाज नष्ट होता है। उन्होने कहा कि भारतीय ऋषियों, मनीषियों की परंपरा गुरूओं की बदाैलत ही बची है। शिशु वेद काे पांचवा वेद बताते हुये उन्होने कहा कि गुरू परंपरा से मिली शक्तियों और गुप्त क्रियाओं से ही वेद, पुराण और गीता के अठारह अध्याय सुरक्षित है। इन्हें सुरक्षित रखने में ब्राम्हणाें का बडा याेगदान है। सनातन के अलावा दूसरा काेई धर्म नही है। उन्होने कहा कि सभी सरकारी व निजी स्कूलों में वैदिक गुरू की नियुक्ति की जानी चाहिए। हम लाेग इसका प्रयास कर रहे हैं। उन्होने कहा कि आज कि राजनीति में अगर याेग्य ब्राम्हण ब्राम्हण और साधु आयेंगे ताे समाज का कल्याण होगा। ब्राह्मण धर्म का अधिष्ठाता है और स्त्री धर्म की प्रतिमूर्ति है। ब्रह्मविद्या न बदली है न बदलेगी। माेह का क्षय ही माेक्ष है। उन्होने कहा कि ब्राह्मणों  के अंदर ब्रह्मत्व हाेना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी ब्रम्हात्मानंद सरस्वती ने कहा कि ब्राम्हण समाज का मुख है। वह समाज काे दिशा देने का काम करता है। वेदों और उपनिषदाें के माध्यम से उन्होने भारतीय धर्म व्यवस्था पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर स्वामी रविन्द्र पुरी जी महाराज ने वरिष्ठ पत्रकार सियाराम पाण्डेय' शांत ' की पुस्तक 'मणिपुर की आग 'का विमोचन किया तथा उज्जैन से पधारे वरिष्ठ पत्रकार डॉ. नवीन आनंद जाेशी,  रांची,झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार चंदन मिश्र,  छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार नितिन चाैबे, प्रभात शुक्ल व मनोज द्विवेदी काे ब्राम्हण गाैरव तथा गिरिधर शर्मा और  भारती श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव एवं बिरसा वाणी के संपादक शाहनवाज हसन काे पत्रकार गाैरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बैसवारा ब्राम्हण उत्थान समिति के अध्यक्ष अशाेक पांडेय ने स्वामी रविन्द्र पुरी,स्वामी ब्रह्मात्मानंद सरस्वती,सभी आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त कर उपनयन संस्कार कराने वाले बटुकाें के उज्जवल भविष्य की कामना की।

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