केरल का कोल्लम : जहाँ हर घर में हैं संविधान
संदीप कुलश्रेष्ठ
हमारे देश के संविधान को विश्व में विशेष दर्जा प्राप्त है। संविधान के अनुसार ही देश का शासन चलाया जाता है। संविधान ही यह बताता है कि किस प्रकार से देश के कर्ता-धर्ता को कार्य करना चाहिए। किन्तु इसके बारे में वास्तव में लोगों को बहुत कम जानकारी है। ऐसे में भारत के केरल राज्य का एक जिला ऐसा भी है जहाँ के नागरिकों को संविधान के प्रमुख बिन्दु पता है। इस जिले का नाम है कोल्लम।
पहला संविधान साक्षर जिला -
कोल्लम में 10 वर्ष से ऊपर के हर बच्चे को संविधान का मूल ज्ञान है। करीब 2 साल पहले केरल के नागरिकों को संविधान साक्षर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक शैक्षणिक अभियान शुरू किया गया था। इसका नाम था सिटीजन प्रोग्राम। देश का कोल्लम पहला जिला है, जो संविधान साक्षर जिला घोषित किया गया है। संविधान साक्षर जिला होने से यहाँ के रहवासियों को कई सामाजिक विषयों से निपटने में मदद मिली है।
7 लाख परिवारों को संविधान की है जानकारी -
केरल राज्य सरकार के सिटीजन प्रोग्राम के अन्तर्गत 10 साल से ज्यादा उम्र वाले 22 लाख से ज्यादा नागरिक संविधान साक्षर हो गए हैं। अर्थात 7 लाख परिवार संविधान साक्षर हो चुके हैं। संविधान साक्षर होने से इस जिले के लोगों में मूलभूत परिवर्तन आया है और वे अपने अधिकारों को समझने लगे हैं। इससे उल्लेखनीय सामाजिक और आर्थिक बदलाव देखने को मिले हैं।
संविधान साक्षर होने के लाभ -
कोल्लम जिले को संविधान साक्षर होने के अनेक लाभ मिले हैं। इससे लोगों ने एक दूसरे को सामान्य नजर से देखना शुरू कर दिया है। संविधान की जानकारी होने से स्थानीय समुदाय और पुलिस के बीच बेहतर संबंध कायम हुए हैं। इस कोल्लम जिले के अनेक घरों की दीवारों पर धार्मिक तस्वीर के साथ-साथ संविधान प्रस्तावना की तस्वीर भी लगी देखी जा सकती है। आँगनवाड़ी के बच्चों को भी संविधान का ज्ञान दिया जा रहा है। इस प्रोग्राम के तहत पहले चरण में करीब 12 हजार परिवारों ने संविधान विषय पर परीक्षा भी दी है। इस परीक्षा में सफल शीर्ष 100 परिवारों को सम्मान स्वरूप टीवी, फ्रिज जैसे पुरस्कार भी दिए गए।
हर राज्य में हो ऐसा -
केरल के कोल्लम जिले ने देश के लोगों को एक नई राह दिखाई है। देश के अन्य राज्यों में भी केरल जैसी पहल करने की जरूरत है। इसे राजनैतिक चश्मे से देखने की आवश्यकता कतई नहीं है। संविधान हर भारतीय के लिए है। इसलिए हर भारतीय को संविधान की जानकारी होना आवश्यक है। देश के सभी राज्यों को इस दिशा में कारगर पहल करने की आवश्यकता है, ताकि वहाँ के परिवारों को भी संविधान की मूलभूत जानकारी प्राप्त हो सके। इससे देश का हर नागरिक संविधान में उल्लेखित मूलभूत अधिकार और कर्त्तव्य के बारे में जागरूक हो सके।
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