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सविनय निवेदन है कि--- बन्द कीजिए आप, हिन्दू-मुसलमान का जाप इस शोर से ऊब गये हैं हम भारत के लोग हमें चैन से जीने दीजिए


ध्रुव शुक्ल,वरिष्ठ पत्रकार

भारत के सभी राजनीतिक दलों, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद, बाबाओं के संगठनों, शरीयतों और उन सभी जात-पांत और कौम के नाम पर बनी सामाजिक संस्थाओं से सविनय निवेदन है कि हम भारत के लोग पिछले दस वर्षों से हिन्दू-मुसलमान का कनफोड़ शोर सुन-सुन कर ऊब गये हैं और यह बर्दाश्त के बाहर होता जा रहा है। कृपया इसे बन्द कीजिए।

भारत के हिन्दू-मुसलमान लोग तो आपस में कोई झगड़ा किये बिना ही आपस में एक-दूसरे के सुख-दुख में सहयोगी होकर अपनी गुजर-बसर कर रहे हैं। उन्हें अगर आपस में कोई शिकायत होती है तो वे खुद ही सुलझा लिया करते हैं। उन्हें कोई हिन्दू-मुस्लिम राजनीतिक और मज़हबी पंचायतें नहीं चाहिए। यह रिश्ता सदियों से जुड़ा है और उसे किसी भी हालत में तोड़ा नहीं जा सकता। कोई लाख चतुराई करे, वह टूटेगा ही नहीं।

भारत में हिन्दू-मुसलमान के नाम पर बने और उनके बीच विभेद पैदा करने वाले कुछ संगठनों की उम्र तो करीब सौ बरस के आसपास की है और वे अब तक इस बड़ी इन्सानी  बिरादरी को एक-दूसरे से दूर करने में विफल ही हुए हैं। हमारा भाईचारा अमिट है। अब इन विभेदकारी संगठनों को ही देश हित में अपनी भूल-गलतियों और विफलताओं पर गहन पश्चाताप करके अपने राजनीतिक छल और मज़हबी पाखण्ड को त्याग देना चाहिए।

हम भारत के लोग प्रार्थना करते हैं कि देश के सभी विभाजनकारी राजनीतिक और मज़हबी मन बंधुता के लोकतांत्रिक बोध से भर उठें। वे अपनी शक्ति और साधन आपसी साहचर्य और समृद्धि की तरफ़ मोड़ दें। भारत की मनीषा ने सदियों के तप के बाद सबके जीवन के परस्पर आश्रय में उदारता के मूल्य को पहचानकर महान संस्कृति को गढ़ा है। हम भारत के लोग इस मूल्य को अपने जीवन में बचाकर पूरे विश्व के हित के लिए एक उदाहरण के रूप में जीवन्त बना रहना चाहते हैं।

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