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सीएम दानवीर कर्ण हुए तो अधिकारी भुलक्कड़ हो गए !


चुनावी चटखारे

कीर्ति राणा,वरिष्ठ पत्रकार

मुख्यमंत्री चौहान इस वर्ष तो दानवीर कर्ण को भी मात दे रहे हैं। शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो जब वे कोई नई घोषणा नहीं करते हों।इन घोषणाओं के लाभार्थी का भाजपा को लेकर मन बदलना भी स्वाभाविक है, यही बदलाव तो पांचवी बार फिर भाजपा सरकार का सपना भी हकीकत में बदल सकता है। दिक्कत यह भी है कि मुख्यमंत्री तो चंद्रयान की गति से घोषणाएं करते जा रहे हैं लेकिन इन्हें अमली जामा पहनाने वाले संबंधित विभागों के अधिकारी याद नहीं रख पा रहे हैं कि किन घोषणाओं पर अमल हो गया और किन पर नहीं हुआ है।कमजोर होती याददाश्त का ही परिणाम है कि प्रदेश के 35 लाख से अधिक वृद्धजनों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा घोषित की गई वृद्धावस्था पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है।यही हाल विधवा जिन्हें अर्चना चिटणिस कल्याणी का नाम दे चुकी है)पेंशन का भी है।यह पेंशन भी 600 से बढ़ कर 1000 रु करने की घोषणा तो हई लेकिन इन कल्याणियों के खातों में भी बढ़ी हुई पेंशन नहीं पहुंची है। 
                     पहले इन वृद्ध महिला-पुरुषों को वृद्धावस्था पेंशन के तहत हर महीने 600 रु पेंशन मिल रही थी, छह महीने पूर्व फरवरी से इस पेंशन राशि में 400 रु की वृद्धि की घोषणा मुख्यमंत्री ने कर दी थी।इस बढ़ी हुई पेंशन राशि का लाभ इन वृद्धों को अब तक मिलना शुरु नहीं हुआ है। अभी सरकार का सारा फोकस लाड़ली बहना योजना पर होने से भी जिलों के प्रशासनिक अमले के लिए वृद्धों की चिंता करना संभव नहीं हो पा रहा है।यही नहीं बढ़ी हुई पेंशन राशि की जानकारी लेने के लिए जो वृद्धों कलेक्टोरेट जाते भी हैं तो उन्हें सीधा जबाव मिल जाता है कि सरकार ने इस मद में राशि स्वीकृत नहीं की है, जब पैसा आएगा, तब आ जाना।  मध्यप्रदेश वृद्धा पेंशन योजना के अंतर्गत 35 लाख से भी अधिक लोगों को यह लाभ प्रदान किया जाना है। सरकार का उद्देश्य है कि इसके माध्यम से वृद्धजनों को आर्थिक सहायता मिलेगी जिससे वह अपने बुढ़ापे में अपना जीवन यापन अच्छे से कर सकते हैं।पहले यह पेंशन 600 रुपये प्रति माह थी।इसमें करीब 70 फीसदी की बढ़ोतरी कर के एक हजार रु महीना कर दिया है।जिन लोगों की आयु 60 वर्ष से अधिक है, वे ही वृद्धा पेंशन योजना के लिए सक्षम होंगे। इस पेंशन राशि के लिए जो शर्तें तय है उसके मुताबिक वृद्ध व्यक्ति बीपीएल श्रेणी से संबंधित होना चाहिए और उनके पास बीपीएल कार्ड होना चाहिए। व्यक्ति के पास कोई तिपहिया या चौपहिया वाहन है, तो वे इस पेंशन योजना के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।पेंशन योजना का लाभ प्रदेश के मूल निवासी को ही मिलेगा। यदि वृद्ध नागरिक सरकारी सेवा में हैं या संबंधित विभाग से पेंशन मिलती है तो वे इस योजना का लाभ नहीं से सकेंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक वृद्ध का आधार कार्ड, आवासीय प्रमाण पत्र,बीपीएल कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आई कार्ड,आय प्रमाण पत्र, पास पोर्ट साइज फोटो, बैंक पासबुक विवरण, मोबाइल नंबर आदि दस्तावेज आवेदन के साथ प्रस्तुत करना होते हैं। 

जयस क्यों करे समझौता 
                  प्रदेश की आदिवासी मतदाता बहुल 80 सीटों पर इस बार जयस अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगा, किसी दल से समझौता नहीं करेगा।पिछले चुनाव में कांग्रेस के साथ दोस्ताना निभाया था लेकिन सरकार डेढ़ साल में चली गई और इस अवधि में भी जयस को खास लाभ नहीं मिला। जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने इन 80 में से 40 सीटों पर सिंगल नाम भी फायनल कर दिए हैं। जयस इन सभी सीटों पर उच्च शिक्षित युवकों को टिकट देगी ताकि चुनाव जीते बाद ताकत के साथ आदिवासी हितों की बात कर सकें। 
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