आक्रामक अमित शाह- फ्रंट फुट पर खेलती भाजपा...
ना काहू से बैर
राघवेंद्र सिंह ,वरिष्ठ पत्रकार
भोपाल- मध्यप्रदेश में कल तक जो भाजपा अव्यवस्थित,अपरिपक्व, नए- पुराने अपने- पराए, युवा - बुजुर्ग, समर्पण-निष्ठ की परंपरा और करप्शन के कारपोरेट कल्चर के पाटन में पीस रहे नेता-कार्यकर्ता पीड़ाओं की कथा और व्यथाओं की पुस्तक पढ़ थक रहे थे और संगठन सुन कर पक रहा था उसे अमित शाह की आक्रामक शैली ने जबरदस्त राहत दी है। श्री शाह ने रविवार को शिवराज सरकार के रिपोर्ट कार्ड को रिकार्ड तोड़ विकास की मिसाल बताया। उन्होंने कांग्रेस और उनके दोनों नेता कमलनाथ और दिग्विजयसिंह को अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखने की चुनौती दी। साथ ही कांग्रेस और कमलनाथ पर लगे आरोपों की जांच में तेजी लाने के भी संकेत दिए। इसके पहले शाह के इतने एग्रेसिव तेवर नही देखे गए। इससे कांग्रेस नेताओं में पैदा होने के आशंका है।
शाह ने खेल का माहौल बदल दिया है। चुनाव के टेस्ट मैच को वन डे में बदल कर तेजी ला दी है। सितम्बर में हर दिन आरोपों के चौके छक्के लगेंगे। टी 20 की तर्ज पर चुनावी खेल शुरू हो जाएगा। कैसे भी जीत हासिल होना चाहिए।
शाह ने हारी हुई 39 सीटों पर उम्मीदवारों के ऐलान से विपक्ष चकित हुआ और भाजपाई सुखद आश्चर्य में डूब गए। इस बार 2018 से भी बुरी हालत है और सरकार बनाना कठिन होगा, जैसे संवादों ने मैच होने के पहले ही टीम भाजपा के हौसले पस्त कर रखे थे। हकीकत से जुड़े नकारात्मकता के नित नए किस्से और कथाओं को सुन पार्टी पक गई थी। कभी भी टपकने की हालत में आने लगा थी। लेकिन लाडली बहनों के खातों में हर महीने की दस तारीख को जमा होने वाले एक हजार रुपए के साथ गृह मंत्री अमित शाह ने टीम भाजपा को जोश से भर दिया। उन्होंने विकास के मामले में शिवराज सिंह और उनकी सरकार की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। इसमें कृषि क्षेत्र में उत्पादन सिंचाई का रकबा बढ़ने बिजली उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने सड़कों का निर्माण बेटियों और बहनों के लिए कल्याण करने की ढेर सारी योजना कानून व्यवस्था को लेकर स्थिति बेहतर होने के मामले में शिवराज सिंह की जमकर पीठ ठोकी। इस दौरान उन्होंने 2003 से 2005 के बीच उमा भारती और बाबूलाल गौर के मुख्यमंत्री कल की भी चर्चा की। लेकिन एक सवाल कि अगला मुख्यमंत्री फिर से शिवराज सिंह को बनाएंगे पर उन्होंने सीधा उत्तर न देते हए कहा कि यह काम पार्टी को करने दिया जाए। रविवार को ही ग्वालियर में प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक में गृहमंत्री शाह ने नेता और कार्यकर्ताओं से कहा कि इस बार डेढ़ सौ सीट पर जीत हासिल करने का लक्ष्य लेकर चलें।
कांग्रेस के भी अग्रेसिव होने का अनुमान
भाजपा नेता अमित शाह के बार-बार कांग्रेस नेताओं को चुनौती देने से लग रहा है कि आने वाले दिनों में दिग्विजय कमलनाथ की जोड़ी जरूर अपनी आक्रामक शैली में आरोपी का उत्तर देगी अक्सर आक्रमण होने पर गलतियां होने की आशंका ज्यादा होती है ऐसे में कांग्रेस को भी बहुत गंभीरता से आप के जवाब देने के साथ भाजपा पर हमलावर होना पड़ेगा । इस मामले में यदि भविष्य में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हमले की कमान संभालते हैं तो भाजपा की रणनीति के हिसाब से गलती होने की संभावना ज्यादा होगी। और ऐसे में चुनाव के दिनों में कांग्रेस को आसानी से उलझाया जा सकता है। कांग्रेस अगर आक्रमक रुख अख्तियार करने के चक्कर में अल्पसंख्यकों का पक्ष लेते नजर आए तो भाजपा जरूर से अपने पक्ष में बताने का प्रयास करेगी।
हर सीट पर गुजराती प्रभारी
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश की 230 सीटों पर अपनी पकड़ को मजबूत बनाने के लिए गुजराती प्रभारियों की नियुक्ति कर रहा है। अनुमान है कि ऐसे में भाजपा नेता गुटबाजी करने और भितरघात करने से डरेंगे। समय रहते पार्टी नेतृत्व को इसकी जानकारी भी मिलेगी और संगठन इसका समाधान भी कर लेगा।
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