पार्टियों ने अटाला मान लिया पुराने कार्यकर्ताओं को ?
चुनावी चटखारे
कीर्ति राणा,वरिष्ठ पत्रकार
मप्र में भाजपा और कांग्रेस ने अपने पुराने कार्यकर्ताओं को अटाले जैसा मान कर भुला देने की प्रवृत्ति का ही नतीजा है कि प्रदेश के पूर्व गृह राज्यमंत्री रामदयाल अहिरवार के निधन से भाजपा लगभग अनभिज्ञ रही।ऐनवक्त पर मिली सूचना की गंभीरता को समझ मुख्यमंत्री चौहान जरूर पहुंच गए लेकिन छतरपुर भाजपा के पदाधिकारी तो परिवार के आंसू पोंछने तक नहीं पहुंचे।
ऐसे ही कारण हैं कि दोनों दलों के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की पार्टी नेताओं से नाराजी बनी रहती है कि पार्टी के आंदोलनों में डंडे हमने खाए लेकिन अब मलाई खा रहे पार्टी नेताओं को हमारी याद तक नहीं।ऐसे असंतोष को भांप कर ही भाजपा नेतृत्व ने अपनी जिला-शहर इकाइयों को पुराने कार्यकर्ताओं की खैरियत जानने की हिदायत दी है।
शिवराज सरकार में 2008 में परिवहन और गृह मंत्री, 2012 में सिंचाई मंत्री रहे वरिष्ठ नेता रामदयाल अहिरवार को याद नहीं रखने का ही नतीजा रहा कि छतरपुर अस्पताल में निधन पश्चात 22 किमी दूर महाराजपुर स्थित निवास तक उन्हें शव वाहन भी नहीं मिल सका। 22सौ रु किराया देकर निजी वाहन करना पड़ा। पार्टियों में बुजुर्ग कार्यकर्ताओं की अनदेखी सिर्फ मप्र में ही नहीं बाकी राज्यों में भी हो रही है।
कोऊ नृप हो हमें का हानि
मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी का भी यूपी जितना प्रभाव तो नहीं है लेकिन बसपा की तरह सपा ने भी मप्र में सभी सीटो पर चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।सितंबर तक अपने प्रत्याशियों की पहली सूची भी जारी कर देगी। यूपी से लगे मप्र के जिलों में बसपा और सपा का प्रभाव जरूर है। इन दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों की जीत का आंकड़ा भी दस से ऊपर नहीं पहुंच पाया और सरकार चाहे कांग्रेस की बने या भाजपा की इन पार्टियों से जीते विधायक व्यक्तिगत लाभ-शुभ के हिसाब से दल बदलने में तत्परता दिखाते रहे हैं।
इन आंखों से कम दिखेगी महंगाई
लोग बेवजह महंगाई का रोना रो रहे हैं, भाजपा मप्र के मतदाताओं को अपने तरीके से समझाएगी कि महंगाई तो दिग्विजय सिंह की सरकार के वक्त थी अब तो सब हरा ही हरा है। भाजपा घर घर बताएगी कि 2003 के मुकाबले 2023 तक इन 20 वर्षों में प्रदेश से गरीबी दूर होती गई है।दिग्विजय सिंह सरकार के वक्त प्रति व्यक्ति आय 11 हजार रु ही थी जो अब एक लाख 40हजार रु प्रति व्यक्ति हो गई है।तब सिंचाई क्षमता भी 7.50 लाख हेक्टर ही थी जो अब बढ़कर 47 लाख हेक्टेयर हो गई है। गरीबी की आबादी भी 6.62 प्रतिशत कम हो गई है।
तब नहीं आ सके तो अब आएंगे
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 13 अगस्त को तो इसलिए सागर नहीं आ पाए थे क्यों कि 12 को प्रधानमंत्री मोदी आ गए थे। अब खरगे सागर के कजलीवन में 22 अगस्त को आएंगे।
जिस बड़तूमा गांव में बन रहे संत रविदास मंदिर के भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री आए थे उस गांव से 18 किमी दूर कजलीवन में 22 अगस्त को खरगे की आमसभा होगी।
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