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शिप्रा का हाल बेहाल: किससे करें पुकार !


संदीप कुलश्रेष्ठ
             पतित पावन शिप्रा नदी का वर्तमान में हाल बेहाल है। एक बार फिर पिछले दिनों आधे घंटे की बारिश में ही उज्जैन के नालों का गंदा पानी शिप्रा में मिल गया। और पानी भी ऐसा जैसे गंदे पानी का 10 फुट का फव्वारा लगाया हो। शिप्रा तट से गंदे नालों की पाईप लाइन जा रही है। वह पिछले दिनों तेज बारिश से एक बार फिर फव्वारे के रूप में उफन गया और सीधा शिप्रा नदी में मिलते ही गया। शिप्रा नदी अब और दूषित नहीं हो, इसके लिए अब वह किससे अपनी पुकार लगाए ? यह उसे खुद समझ नहीं आ रहा है ! 
दो नालें उफने - 
            शिप्रा तट पर जिस जगह बाबा महाकाल की पालकी का पूजन होता है, उसी जगह दो नालों में से एक नाला उफना और दूसरा नाला पास ही उफन कर नदी में मिल गया। देखते- देखते सारा गंदा दूषित पानी शिप्रा में मिल गया। दोनों नालों का गंदा और दूषित पानी शिप्रा में वहाँ मिल गया, जहाँ श्रद्धालु स्नान कर रहे थे। कल्पना की जा सकती है कि इन श्रद्धालुओं के मन पर क्या गुजरी होगी ? निश्चित रूप से उनकी आस्था को ठेस पहुँची ! 
पहले भी हो चुका है ऐसा - 
             ऐसा पहली बार नहीं हुआ। पहले भी ऐसा हो चुका है। पिछले दो महीने में तीसरी बार यह मौका है, जब नालों का गंदा पानी शिप्रा में उफन कर मिल गया और श्रद्धालु ठगे से देखते रह गए। वे और कर भी क्या सकते थे ? 
जिम्मेदार बेपरवाह और बेशर्म -
             शिप्रा तट पर दूषित पानी का मिलना एक अरसे से जारी हैं। लगभग हर साल बारिश में ऐसा होता आया है। किन्तु नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी आँखे मूंदे पड़े हैं। इन्हें श्रद्धालुओं की आस्था से कोई लेना देना नहीं है। नालों का गंदा पानी जब शिप्रा में मिल जाता है तो अपने आप गंदा पानी निकलना बंद हो जाता है और नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी कहते है कि हमने बड़ी मशक्कत से नालों का गंदा पानी मिलने से रोक दिया। उनका बयान हास्यास्पद है। किन्तु उन्हें शर्म नहीं आती।
शिप्रा तट से बाहर किया जाए नालों को -
             प्रति वर्ष बारिश के मौसम में शहर के गंदे नालों का शिप्रा में मिलना आम हो गया है। इसका स्थायी निदान आवश्यक है। इसके लिए यह किया जाना चाहिए कि शिप्रा तट पर जितनी भी गंदे नालों की पाईपलाइन डाली गई है। उसे स्थायी रूप से बंद कर दिया जाए और शिप्रा तट से कम से कम 100 मीटर दूर से पाईपलाईन ले जायी जाए। इससे यह होगा कि बारिश के मौसम में शिप्रा में शहर के गंदे नालों का पानी मिलने से स्थायी रूप से रूक सकेगा। 
मुख्यमंत्री जी इस ओर ध्यान दें -
             प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान को चाहिए कि वे लगभग हर साल श्रद्धालुओं की आस्था के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकने के लिए स्थायी प्रयास करने के निर्देश नगर निगम और जिला प्रशासन को दें, ताकि आए दिन होने वाले इस कुप्रबंध पर स्थायी रूप से रोक लगाई जा सके। 
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