चुनावी चटखारे , प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा
कीर्ति राणा,वरिष्ठ पत्रकार
भक्तिकाल के कवियों-संतों में कबीर के समकण और मीरा के गुरु माने जाने वाले संत शिरोमणि रवि दास (रैदास) के लिए भाजपा की भक्ति धारा 230 सीटों तक उमड़ने वाली है।इन सीटों में अनुसूचित जन जाति की 47 सीटें और इस वर्ग के मतदाता 17 प्रतिशत हों तो संत रविदास मंदिर के लिए प्रदेश में निकलने वाली सामाजिक समरसता वाली भाजपा की दूरदृष्टि कांग्रेस को समझ नहीं आए यह संभव ही नहीं। ’मन चंगा तो कठौती में गंगा’ कहने वाले संत रैदास ने तो प्रभु भक्ति के लिए गाया था प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा…’अब जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो मतदाता ही स्वामी और सारे दल प्रमुखों का इनका दासानुरागी बनना लाजमी है।
सागर के नरसावली के बड़तूमा गांव में 11 एकड जमीन पर 100 करोड़ की लागत से संत रविदास मंदिर निर्माण की घोषणा तो फरवरी में ही मुख्यमंत्री ने सागर यात्रा के दौरान कर दी थी।अब रविदास मंदिर के लिए सामाजिक समरसता यात्रा निकालने की प्लॉनिग हो गई है। 230 विधानसभा सीटों को यह सामाजिक समरसता यात्रा कवर करेगी। पहले जिस तरह राम मंदिर के लिए गांव गांव ईंटें और चंदा इकट्ठा किया था, उसके हिसाब-किताब की चर्चा करना भी ठीक नहीं है, क्योंकि रविदास मंदिर के लिए तो सरकार ने ही सौ करोड़ मंजूर कर रखे हैं। 230 सीटों पर पहुंचने वाली यात्रा में मंदिर के लिए भाजपा ईँट, पत्थर, एक मुट्ठी चावल, गांव की मिट्टी का संग्रह वहां के लोगों से करेगी।
संत रविदास तो मूर्ति पूजा के विरोधी रहे हैं लेकिन सौ करोड़ की लागत से बनने वाला उनका यह मंदिर दिल्ली के सुप्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर बनेगा।मप्र पर्यटन विकास निगम इस मंदिर के साथ बाकी जो निर्माण करेगा उससे नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के सागर जिले को यह सौगात देश के मुख्य टूरिस्ट सेंटर के रूप में भी पहचानी जाएगी।
आ रही है 25 सितंबर, फिर इवेंट
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिन्तक, संगठनकर्ता और भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की 25 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में भोपाल के जंबूरी मैदान पर मनाई जाने वाली जयंती ऐतिहासिक होगी।चुनाव से पहले हो रहे इस जयंती समारोह में प्रधानमंत्री कार्यकर्ताओं को हर बूथ पर पार्टी के पक्ष में सर्वाधिक मतदान और प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनाने के लिए जीत के मंत्र देंगे।पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी उनके साथ रहेंगे। पं उपाध्याय की 107 वीं जयंती पर जंबूरी मैदान के इस भव्यतम इवेंट में 10 लाख कार्यकर्ता शामिल हो सकें इसके लिए सभी जिलों के लिए कार्यकर्ताओं का लक्ष्य निर्धारित किया जा रहा है।
चक्रम होता विक्रम विवि
छन छन कर फैलती जा रही खबर संकेत दे रही है कि उज्जैन में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव का जो जमीन प्रेम पूर्व सांसद ने उजागर किया उसके लिए सीएम हाउस से इशारा हुआ था।आर्डर पर माल तैयार होने का ही नतीजा रहा कि उधर शिकायत हुई और हाथोंहाथ मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों की परीक्षण रिपोर्ट मिलते ही सिंहस्थ क्षेत्र की कृषि से आवासीय की गई भूमि को पुन: कृषि उपयोग के लिए सुरक्षित करने के आदेश जारी कर दिए।
उच्च शिक्षा मंत्री की परेशानी है कि कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।अब विक्रम विश्वविद्यालय के सामने आ रहे घपले-घोटाले भी उनकी साख पर बट्टा लगा रहे हैं।मुनि सांदीपन के कारण कृष्ण की शिक्षा स्थली के रूप में पहचाना जाने वाला यह शहर अब प्रदेश के बाकी शहरों में कृष्ण के पर्याय मोहन के नगर में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में धब्बा बनते जा रहे विक्रम विवि के रूप में पहचाना जा रहा है।उच्च शिक्षा विभाग के दो ओएसडी के परिवार भी शिक्षा स्नान का पुण्य कमा चुके हैं।जिन कुलपति अखिलेश पांडे ने जो जीता वही विक्रम कहावत ईजाद की वही चक्रम साबित हो रहे हैं पीएचडी घोटाले में।
बीजेपी नहीं वीजेपी
विंध्य क्षेत्र में भाजपा को अपने चुनावी पोस्टरों के साथ ‘नक्कालों से सावधान’ वाला पोस्टर भी चस्पा करना पड़ सकता है। यह इसलिए कि लोग बीजेपी के भ्रम में वीजेपी प्रत्याशियों पर विश्वास ना कर बैठें। मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी लंबे समय से अलग विंध्य राज की मांग कर रहे थे।पार्टी द्वारा गंभीरता से नहीं लेने पर नाराज विधायक त्रिपाठी ने विंध्य जनता पार्टी (वीजेपी) बना ली है। विंध्य क्षेत्र की 43 सीटों पर वीजेपी के प्रत्याशियों को लड़ाएंगे।रीवां और शहडोल संभाग में भाजपा, वीजेपी, कांग्रेस में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बनते जा रहे हैं।राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी त्रिपाठी को वैसे भी एकाधिक पार्टियों की रणनीति का अनुभव है।2003 में वो समाजवादी पार्टी से जीते, 2013 में कांग्रेस से और 2018 में भाजपा से जीते हैं, वक्त बताएगा वीजेपी से उनके सहित कितने प्रत्याशी जीतेंगे।
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