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राज्य सेवा परीक्षा और साक्षात्कार समय पर नहीं होना युवाओं के साथ अन्याय !


संदीप कुलश्रेष्ठ
                हाल ही में मध्यप्रदेश के लोकसेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा के साक्षात्कार की घोषणा की गई है। आगामी 9 अगस्त से साक्षात्कार शुरू होंगे। कुल 571 पदों के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया करीब महीनेभर तक चलेगी। 4 साल से भी अधिक समय बाद यह साक्षात्कार की तारीख घोषित की गई है। इतने लंबे समय बाद साक्षात्कार की तिथि घोषित होना युवाओं के लिए अन्याय ही कहा जायेगा। इस दुख को केवल एक युवा ही समझ सकता है। 
ओबीसी आरक्षण के कारण विलम्ब -
                   यूं तो राज्य लोकसेवा आयोग द्वारा ओबीसी आरक्षण के कारण विलम्ब से परीक्षा होने के कारण बताए जा रहे हैं। इसमें कुछ सच्चाई भी हो सकती है। किन्तु आयोग और राज्य शासन ने इस पर ध्यान दिया होता तो अब जो साक्षात्कार होने जा रहे हंै, यह पहले ही हो चुके होते। आगामी विधानसभा चुनाव के कारण अब जाकर साक्षात्कार की तिथि घोषित की गई है। यह बात हर कोई आसानी से समझ सकता है। 
87-13 प्रतिशत का फार्मूला - 
                   यंू तो लोकसेवा आयोग द्वारा ओबीसी आरक्षण का मामला कोर्ट में चलने के कारण पदों का विभाजन 87-13 प्रतिशत के फार्मूले को ध्यान में रखकर किया गया है। 87 प्रतिशत के अन्र्तगत कुल 484 पद आ रहे हैं। 13 प्रतिशत आरक्षण के अन्र्तगत कुल 87 पद आए हैं। ओबीसी आरक्षण का प्रकरण न्यायालय में लंबित होने के कारण मुख्य परीक्षा में भी 87-13 प्रतिशत का फार्मूला लागू किया गया है। 13 प्रतिशत के फार्मूले में कुल 26 प्रतिशत अभ्यर्थी आ रहे हैं। इसमें 13 प्रतिशत जनरल और 13 प्रतिशत ओबीसी कैटेगरी के हैं। ओबीसी आरक्षण पर कोर्ट का फैसला जिसके पक्ष में आयेगा, उस कैटेगरी के लिए 13 प्रतिशत की नियुक्ति की जायेगी। 
यूं होता गया विलम्ब -
                मध्यप्रदेश राज्य सेवा 2019 की प्रारंभिक परीक्षा 12 जनवरी 2020 को हुई थी। कोविड के कारण मुख्य परीक्षा 21 से 26 मार्च 2021 को हुई थी। इसका परीक्षा परिणाम 1 जनवरी 2022 को आया था। इसी आधार पर 1918 अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए चयनित किए गए थे। पिछले साल मार्च में इनके साक्षात्कार भी घोषित किए गए थे। कुछ अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी थी। न्यायालय द्वारा आदेश दिया गया था कि प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम दोबारा जारी किया जाए। संशोधित परिणाम के आधार पर करीब 1800 अभ्यर्थी विशेष मुख्य परीक्षा के लिए चयनित किए गए थे। इसके बाद पुरानी और नई मुख्य परीक्षा के आधार पर एक नई प्रावीण्य सूची तैयार की गई। इसी आधार पर उक्त अभ्यर्थियों का साक्षात्कार के लिए चयन हुआ। 
राज्य सेवा परीक्षा 2020 के परिणाम की भी है प्रतीक्षा -
                लोकसेवा आयोग ने आखरी बार राज्य सेवा परीक्षा 2018 के 298 स्वीकृत पदों में से 286 की नियुक्तियाँ की थी। राज्य सेवा परीक्षा 2020 की प्रांरभिक परीक्षा के बाद मुख्य परीक्षा भी हो चुकी है। इसके बाद साक्षात्कार भी हो चुके है। इस परीक्षा की चयन सूची भी जारी हो चुकी है। किन्तु राज्य शासन द्वारा अभी तक नियुक्तियों के आदेश जारी नहीं किए हंै। युवाओं को करीब तीन साल बीत जाने के बाद आज भी नियुक्तियों का इंतजार है ! जरा कल्पना करें कि उस युवा के दिल पर क्या गुजरती होगी, जिसका अंतिम परीक्षा परिणाम 3-4 साल बीतने के बाद भी आज तक नहीं आया हो ?
राज्य शासन करें सुनिश्चित व्यवस्था -
              युवाओं के लिए राज्य सेवा परीक्षा एक आकर्षण का केन्द्र होता है। राज्य की प्रशासनिक, पुलिस और अन्य समस्त विभागों के द्वितीय श्रेणी और तृतीय श्रेणी कार्यपालिक पदों की नियुक्ति राज्य सेवा परीक्षा के माध्यम से ही होती है। युवाओं को इसका हमेशा इंतजार रहता है। समय पर प्रांरभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, साक्षात्कार हो और चयन सूची जारी हो जाने के बाद नियुक्ति आदेश भी जारी होने से युवाओं का आकर्षण बना रहता है। अत्यधिक विलंब होने से उनमें निराशा छा जाती है। अनेक दुर्भाग्यशाली युवा ऐसे भी होते हंै, जो आयु सीमा पार हो जाने के बाद इस महत्वपूर्ण परीक्षा से वंचित हो जाते हैं। इसलिए राज्य सरकार और मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग को चाहिए कि वे समस्त परीक्षाएँ, साक्षात्कार, चयन सूची समय पर जारी कर नियुक्ति आदेश भी समय पर जारी करें, ताकि युवाओं में निराशा व्याप्त नहीं होने पाए। यह राज्य सरकार और लोक सेवा आयोग का कर्त्तव्य भी है।
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