आषाढ़ अमावस्या तिथि 17 जून सुबह 9ः11 बजे से हो रही है और यह तिथि 18 जून सुबह 10ः06 बजे बजे समाप्त होगी।
उज्जैन- दर्श अमावस्या 17 जून को, इन उपायों से दूर होगा पितृ दोष दर्श अमावस्या के दिन प्रेत आत्माएं और नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं। इसलिए बुरे काम करने से बचना चाहिए।
हिंदू धर्म में मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने परिजनों का आशीर्वाद देते हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ अमावस्या तिथि 17 जून सुबह 9ः11 बजे से हो रही है और यह तिथि 18 जून सुबह 10ः06 बजे बजे समाप्त होगी। ऐसे में दर्श अमावस्या 17 जून शनिवार को मनाई जाएगी। उदया तिथि के चलते आषाढ़ अमावस्या 18 जून को होगी और इसका दान पुण्य भी 18 जून रविवार के दिन ही श्रेष्ठ माना जाएगा। पौराणिक मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन भगवान चंद्र देव की पूजा करने से जीवन में शांति आती है और जीवन में संघर्ष कम होते हैं। दर्श अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न रखने के लिए सुबह स्नान कर तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, पंचबलि कर्म आदि करना चाहिए। पितरों के लिए दीपक जलाना चाहिए। हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का महत्व।