गंगा दशहरा 30 मई को
धर्म| मंगलवार, 30 मई को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी है। इस तिथि पर गंगा नदी की पूजा का महापर्व गंगा दशहरा है। पुराने समय में इस राजा भगीरथ ने गंगा नदी को स्वर्ग से धरती पर लाने के लिए कठोर तपस्या की थी। तपस्या प्रसन्न होकर देवी गंगा धरती पर आईं। गंगा दशहरा पर नदी में स्नान करना चाहिए। गंगा का पवित्र जल घर में रखने की परंपरा है। मान्यता है कि गंगाजल घर में रखा हो तो घर का वातावरण पवित्र बना रहता है।उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, गंगाजल प्लास्टिक की बोतल में नहीं रखना चाहिए। प्लास्टिक में रखा पानी एक समय के बाद खराब हो जाता है। गंगाजल के लिए तांबे, चांदी या सोने के बर्तन शुभ रहते हैं। घर के मंदिर में इन धातुओं से बनी गंगाजली रखनी चाहिए। घर में गंगाजली रखी है तो रोज उसकी पूजा करनी चाहिए।
जानिए गंगाजल का किन शुभ कामों में उपयोग किया जा सकता है
- घर में सकारात्मकता और पवित्रता बनाए रखने के लिए हमें रोज गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। अगर रोज गंगाजल का छिड़काव नहीं कर पा रहे हैं तो हर महीने की अमावस्या और पूर्णिमा पर छिड़काव कर सकते हैं। अगर तिथियों पर भी नही कर पा रहे हैं तो तीज-त्योहारों पर गंगाजल का छिड़काव करें।
- शिव जी की पूजा में गंगाजल का उपयोग जरूर करना चाहिए। शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिला लेना चाहिए। शिव पूजा में ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करते हुए गंगाजल चढ़ाना चाहिए। अन्य देवी-देवताओं की पूजा में भी गंगाजल का उपयोग कर सकते हैं।
- जब भी घर में कोई शुभ काम शुरू करना हो तो गंगाजल से घर को पवित्र करना चाहिए। घर के मंदिर में भी गंगा का छिड़काव करें।
- तीज-त्योहारों पर पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से घर पर ही गंगा नदी में स्नान का पुण्य मिल सकता है।
- गंगा दशहरा पर गंगा में स्नान न कर पाएं तो क्या करें
गंगा दशहरा पर गंगा नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो अपने शहर की या आसपास की किसी अन्य नदी में स्नान कर सकते हैं। ये संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। नहाते समय सभी पवित्र नदियों का ध्यान करना चाहिए।