भारत में रफ्तार पकड़ती इलेक्ट्रिक कारें, तीन साल में 223 फीसदी बढ़ा बाजार
कारों के शौकीनों के लिए यह खास खबर है। अब देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का दायरा लगातार बढ़ रहा है। बीते तीन सालों में इन इलेक्ट्रिक वाहनों ने बाजार में अच्छी पैठ जमा ली है और इनका बाजार अब बढ़ता जा रहा है। बाजार विश्लेषक फर्म की मानें तो देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार में 2020 से लेकर अभी तक कुल जमा 223 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इस बढ़ोतरी की सीमा में करीब 48 हजार वाहन आते हैं। विश्लेषक तो यह भी कहते हैं कि वर्ष 2022 में ऑटोमोबाइल्स क्षेत्र में यह उत्साह पूरे देश में एक साथ देखा गया है जो कि मांग में वृद्धि और खरीदारी में बढ़ोतरी के चलते हुआ। आइये जानते हैं आंकड़ों की जुबानी।
बाजार में है Tata Motors का दबदबा
देश की जानी मानी कार निर्माता कंपनी Tata Motors टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक कार मॉडल्स के बूते बाजार में अभी शीर्ष पर है। इस कंपनी की दो इलेक्ट्रिक कार नेक्सन ईवी और टिगोर ईवी की बाजार में 86 फीसदी हिस्सेदारी है। इलेक्ट्रिक वाहनों में ये कारें अव्वल हैं। इनके बाद नंबर आता है MG की ZS EV का जिसकी बाजार में 9 प्रतिशत हिस्सेदारी है और Hyundai की Kona का, जिसकी हिस्सेदारी 1.6 प्रतिशत है। ये कारें क्रमश: दूसरे और तीसरे क्रम पर हैं। टाटा मोटर्स देश की सर्वाधिक कम कीमत की इलेक्ट्रिक कार Tata Tiago EV को लॉन्च कर चुका है।
प्रीमियम कारें भी आजमाएं
देश में प्रीमियम कारों का भी बढि़या विकल्प मौजूद है। Audi, BMW और Mercedes-Benz जैसे लक्जरी ब्रांड अब देश में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के मॉडल को वैश्विक स्तर पर बेच रहे हैं। उदाहरण के लिए, पिछले दिनों ही मर्सिडीज-बेंज और बीएमडब्ल्यू ने जर्बदस्त बिक्री दर्ज की है। हालांकि इनकी जो कुल बाजार की हिस्सेदारी है वह अभी 1 फीसदी से भी कम है। इसके पीछे अधिक कीमतें भी एक वजह है। टाटा की ईवी देश में इसलिए अधिक खरीदी जा रही हैं क्योंकि इनकी कीमतें कम हैं।
ये Electric Cars जल्द बाजार में आएंगी नज़र
देश की ख्यात कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के बारे में अनुमान है कि यह कंपनी 2025 तक अपनी पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी लॉन्च कर सकती है। मारुति के बाद दूसरे नंबर पर रही कंपनी हुंडई पहले ही अपनी दूसरी इलेक्ट्रिक एसयूवी IONIQ 5 लॉन्च कर चुकी है। 2024 तक टाटा ने हैरियर ईवी और 2025 तक सिएरा ईवी को बाजार में उतारने की प्लानिंग कर रखी है। इसके बाद यह उम्मीद की जा सकती है कि देश में इलेक्ट्रिक कारों का बाजार बढ़कर 3 लाख से भी अधिक हो जाएगा।