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विक्रम विवि को मिली एमफार्मा पाठ्यक्रम पढ़ाने की अनुमति, 9 सीट स्वीकृत


उज्जैन। फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन को एमफार्मा इन फार्माक्युटीस और डिप्लोमा इन फार्मेसी पाठ्यक्रम को संचालित करने की अनुमति प्रदान कर दी है। पढ़ाई फार्मेसी संस्थान में होगी। एडमिशन के लिए एमफार्मा में 9 और डिप्लोमा पाठ्यक्रम में 60 सीट स्वीकृत की गई है। इन दोनों पाठ्यक्रम को शुरू करने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय प्रयासरत थे। इनके सहित अब 48 नए पाठ्यक्रम अगले शिक्षा सत्र से प्रारंभ होंगे।

मालूम हो कि विक्रम विश्वविद्यालय ने शिक्षा सत्र 2021-22 से 46 नए डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू करने की अधिसूचना 10 दिन पहले जारी की थी। अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया था कि वह 12 नए पाठ्यक्रम शुरू करने की भी तैयारी कर रहा है। इसके लिए वह प्रयास है। सभी नए कोर्स विद्यार्थियों की रूचि और रोजगार की मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रख डिजाइन किए गए हैं। विवि के अनुसार स्नातक स्तर पर विद्यार्थी अगले सत्र से पुलिस साइंस में बीए कर सकेंगे। वे सीखेंगे कि किन वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर पुलिस किसी केस को साल्व करती है। कैसे सबूत जुटाए जाते हैं। मशरूम की खेती कैसे की जाती है, उसके वेस्ट मटेरियल से पालीथिन, फर्नीचर कैसे बना सकते हैं, फोरेंसिक एक्सपर्ट कैसे काम करते हैं, फूड आइटम्स पर केमिकल प्रयोग कर उन्हें कैसे लंबे समय तक खाने लायक बनाया जाता है, वनस्पतियों का हमारे जीवन में क्या महत्व और उपयोग है, इसके बारे में अध्यापन कराने को बाटनी, फूड टेक्नोलाजी, फोरेंसिक साइंस, कम्प्यूटर साइंस, माइक्रोबायलाजी जैसे विषय में बीएससी पाठ्यक्रम शुरू किया जाने वाला है। खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के साथ उन्हें खेल तकनीक का विशेष बनाने को बैचलर आफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है। स्नातकोत्तर स्तर पर सोशियालाजी में एमए, फूड टेक्नोलाजी, फोरेंसिक साइंस, डेटा साइंस, इनफर्मेशन सिक्युरिटी, इन्फोर्मेशन टेक्नोलाजी में एमएससी पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा गाइडेंस एंड काउंसिलिंग, ट्रांसलेशन स्टडीज, एस्ट्रोफिजिक्स, एक्वाकल्चर टेक्नोलाजी, फिश कल्चर टेक्नोलाजी, वैदिक मेथमेटिक्स, पर्यावरण प्रबंधन, ग्रामीण विकास, इनकम टैक्स एंड जीएसटी प्रेक्टिस, बैंकिंग एंड फायनेंस, फ्रंट आफिस आपरेशन, फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी कंट्रोल, अप्लाइड माइकोलाजी, लाइब्रेरी आटोमेटेशन एंड नेटवर्किंग, लोकल गवर्नेंस एंड पालीटिकल लीडरशिप विषय में एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू होगा। मशरूम टेक्नोलाजी, मिल्क एडल्ट्रेशन, फूड एडल्ट्रेशन, फूड प्रिजर्वेशन एंड प्रोसेसिंग, वर्मीकंपोस्ट टेक्नोलाजी, गार्डनर ट्रेनिंग, इंस्ट्रूमेंटेशन लेबोरेटरी टेक्नोलाजी, वर्मिकल्चर टेक्नोलाजी, इंडस्ट्रीयल पाल्युशन एंड वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट टेक्नोलाजी, एक्वाकल्चर टेक्नोलाजी विषय को लेकर सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू होने जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के साथ इन्हें बेहतर रूप से पढ़ाने, रोजगार के अवसर मुहैया कराने की चुनौतियां है। मालूम हो कि गत वर्ष समाजशास्त्र अध्ययनशाला में दो, कम्प्यूटर विज्ञान संस्थान में 10 पाठ्यक्रम शुरू किए थे। इसके अलावा बेचलर आफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, एमए इन योग, एलएलबी, रामचरित मानस में विज्ञान और संस्कृति डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी शुरू किया था। हालांकि ज्यादातर पाठ्यक्रमों में सीटों के मुकाबले प्रवेश नहीं हुआ था। इसके दो मुख्य कारण थे। पहला- नए पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए स्थायी प्राध्यापकों की कमी। दूसरा- सत्र प्रारंभ होने के कई सप्ताह बाद नए पाठ्यक्रम शुरू करना।

ये प्रस्तावित पाठ्यक्रम जो अनुमति मिलने पर बीच सत्र में शुरू हो सकते

डिप्लोमा इन कम्प्युनिटी आर्गेनाइजेशन एंड डेवलपमेंट, डिप्लोमा इन क्लिनिकल सोशल वर्क, डिप्लोमा इन चाइल्ड वेलफेयर, पांच वर्षीय बीए एलएलबी, बीएससी आनर्स इन एग्रीकल्चर, बीएससी एग्रीकल्चर इन डिफ्रेंट फिल्ड्स, एमएससी हार्टीकल्चर, एमएससी फारेस्टी, पीजी डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर।

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