एक दशक से भी अधिक समय बाद शेयर बाजार में लिस्ट कंपनियों की कुल वैल्यू देश की GDP से अधिक हो गई
मुंबई । एक दशक से भी अधिक समय बाद शेयर बाजार में लिस्ट कंपनियों की कुल वैल्यू देश की GDP से अधिक हो गई है। इससे पहले 2007 में ऐसा देखने को मिला था, जब मार्केट कैप देश की GDP के 100 प्रतिशत से अधिक हो गया था।
नेशनल स्टैटेस्टिक ऑफिस (NSO) के मुताबिक देश का सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP वित्त वर्ष 2020-21 में 195 लाख करोड़ रु. रहने का अनुमान है। यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्ट कंपनियों के टोटल मार्केट कैप से कम है। मार्केट कैप 14 जनवरी को 197 लाख करोड़ रुपए रहा था। यानी देश की GDP कुल मार्केट कैप की तुलना में 99 प्रतिशत है।
13 साल पहले, दिसंबर 2007 में बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का पूरा मार्केट कैप GDP का 149 प्रतिशत हो गया था। यह अब तक का रिकॉर्ड है। दिसंबर 2019 में भारत की GDP की तुलना में मार्केट कैप 78 प्रतिशत और मार्च 2020 में 56 प्रतिशत के आसपास था।
हालांकि, अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, फ्रांस और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में मार्केट कैप GDP से अधिक है, जबकि जर्मनी, चीन, ब्राजील और रूस में यह कम है। खास बात यह है कि भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप मार्च 2020 में आई भारी गिरावट के बाद 75 प्रतिशत बढ़ा है। इसको विदेशी निवेश का बड़ा हाथ रहा है।
बाजार के जानकार मानते हैं कि लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप GDP से अधिक होना अच्छी बात नहीं है। इसलिए इक्विटी निवेशकों को निवेश करते समय सतर्कता बरतनी चाहिए। इसी कारण रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी निवेशकों को सोच समझकर निवेश करने की सलाह दी है।