वैक्सीनेशन के बाद हुई वालंटियर की मौत, कंपनी ने दी सफाई-दवा से संबंध नहीं
भोपाल में कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले वालंटियर की संदिग्ध मौत के मामले में अब कोवैक्सीन (Covaxin) निर्माता कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने सफाई दी है। हैदराबाद स्थित भारत बॉयोटेक कंपनी ने शनिवार को कहा कि भोपाल के वॉलंटियर की मौत का कोवैक्सीन के ट्रायल से कोई संबंध नहीं है। शायद उसकी मौत संदिग्ध जहर के कारण हुई है, इस जहर के कारण ही वालंटियर को हार्ट अटैक आया था।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा, संदिग्ध जहर से हुई थी मौत
भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कहा है कि भोपाल पुलिस से मिली गांधी मेडिकल कॉलेज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि वालंटियर की मौत की संभावित वजह जहर के चलते हार्ट फेल होना है, जिसकी फिलहाल जांच की जा रही है। कंपनी के मुताबिक 42 वर्षीय वालंटियर को भोपाल के एक निजी अस्पताल में ट्रायल के दौरान कोवैक्सीन (Covaxin) का डोज दिया गया था, इसके 10 दिन बाद 21 दिसंबर को युवक की मौत हो गई थी। कंपनी का कहना है कि प्रारंभिक जांच में पता चलता है कि मौत का ट्रायल में दी गई वैक्सीन से कुछ भी संबंध नहीं है।
गुप्त तरीके से किया जाता है ट्रायल
साथ ही भारत बॉयोटेक (Bharat Biotech) कंपनी ने यह भी कहा कि किसी भी वैक्सीन का ट्रायल गुप्त तरीके से किया जाता है, इसलिए यह भी नहीं बताया जा सकता कि वालंटियर को असली वैक्सीन दी गई थी या प्लेसिबो। दरअसल प्लेसिबो कोई दवा नहीं होती और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। आमतौर पर प्लेसिबो का इस्तेमाल डॉक्टर यह जानने के लिए करते हैं कि कोई दवा लेने से व्यक्ति पर मानसिक तौर पर क्या असर होता है।
जब वैक्सीन दी थी, तब स्वस्थ था वालंटियर
भारत बॉयोटेक ने कहा कि ट्रायल में शामिल होने के लिए वालंटियर सभी मानदंडों को पूरा कर रहा था और ट्रायल से पहले वह पूरी तरह स्वस्थ था। वैक्सीन देने से पहले उसे सभी नियमों और शर्तों की जानकारी दी जा चुकी थी। वैक्सीन देने के बाद लगातार 7 दिनों तक उसकी सेहत पर नजर रखी गई, इस दौरान उसमें कोई साइड इफेक्ट भी नहीं दिखाई दिया था।