दुबई में एक करोड़ का पैकेज छोड़ संन्यास की राह चलेंगे गुजरात के हितेश
गुजरात के रहने वाले हितेश भाई खोना दुबई सहित कई देशों में करोड़ों के पैकेज पर नौकरी करने के बाद अब जैन संत बनने जा रहे हैं। 14 जनवरी को शिवपुरी में होने वाले महामांगलिक के दौरान नवरत्न सागर उनके दीक्षा लेने का मुहूर्त तय करेंगे।
दीक्षा के लिए यहां आए हितेश ने बताया कि वे दुबई में फिलॉसफी पढ़ाते थे। जिस घर में रहते थे, उसका सालाना किराया 40 लाख रुपये था। कंपनी उन पर एक करोड़ रुपये प्रतिवर्ष से ज्यादा खर्च करती थी, लेकिन इसमें असल सुख नहीं था। 12वीं कक्षा के दौरान समरादित्य महाकथा का अध्ययन किया था जो हमें क्रोध के बारे में सिखाती है। इसके साथ ही कई ग्रंथ पढ़े। सभी में अंत में एक सुखद अंत होता था कि किसी ने संत बनने की दीक्षा ली और असली सुख को प्राप्त किया। मेरा भी यही लक्ष्य था, लेकिन कुछ पारिवारिक जिम्मेदारियां थीं।
7 भाषाओं का ज्ञान, कई देशों में की नौकरी
हितेश भाई खोनी मूलत मेहसाणा गुजरात के रहने वाले हैं। उन्होंने बीकॉम के साथ मुंबई विश्वविद्यालय से फिलॉस्ाफी में भी डिग्री हासिल की है। उन्होंने यूएई, ओमान, कतर, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में अपनी सेवाएं दी हैं। वे 7 भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, बंगाली, संस्कृत, प्राकृत और गुजराती के जानकार हैं।
उनका कहना है कि दुबई में लोगों के पास अथाह सोना है, लेकिन कोई शारीरिक तो कोई मानसिक रूप से परेशान है। वे सुख के लिए भारतीय परंपरा की ओर देखते हैं। हमें भी भारत की आर्य संस्कृति को जड़ों की ओर लौटने की जरूरत है। करीब 10 साल पहले हितेश नवरत्न सागर के संपर्क में आए। दो साल पहले उन्होंने संत बनने की दीक्षा लेने की इच्छा जाहिर की।