मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के इन तीन शिक्षकों को मिला राष्ट्रपति से सम्मान
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 के लिए इस बार देश भर से कुल 47 शिक्षकों का चयन किया गया है, जिन्होंने देश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में अपना योगदान दिया है. गर्व और खुशी की बात ये है कि इन 47 शिक्षकों में मध्य प्रदेश के 2 और छत्तीसगढ़ के एक शिक्षिका को अवॉर्ड दिया गया है. इन्होंने न सिर्फ प्रदेश का नाम रोशन किया है बल्कि देश के बाकी शिक्षकों के सामने मिसाल भी पेश की है. चलिए जानते हैं इन शिक्षकों की सफलता की कहानी-
संजय जैन-शासकीय कन्या प्राथमिक स्कूल, डूडा
टीकमगढ़ जिले के शासकीय कन्या प्राथमिक स्कूल, डूडा के प्रधानाध्यापक संजय जैन भी शामिल हैं. बच्चे खेल-खेल में पाठ्यक्रम को समझ सके, इसके लिए शासकीय कन्या प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक संजय जैन ने स्कूल के बाहर पड़े ऊबड़-खाबड़ पत्थरों पर ही पाठ्यक्रम लिख दिए. इसका नतीजा यह हुआ कि बच्चों को खेल-खेल में गणित का फॉर्मूला याद हो गया. उनके इस नवाचार को पूरे जिले में सराहा गया. शिक्षा के क्षेत्र में उनके इस योगदान के लिए आज राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
शाहीद अंसारी- 2 सालों से यूट्यूब से प्रदेश भर के बच्चों की पढ़ाई करवा रहे हैं
शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान देने के लिए इन शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जाएगा. डिजिटल माध्यम से बच्चों को सही राह और उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की रहने वाले शिक्षक शाहिद अंसारी को भी सम्मानित किया गया. शाहिद अंसारी बीते 2 सालों से यूट्यूब से प्रदेश भर के बच्चों की पढ़ाई करवा रहे हैं. शिक्षक शाहिद अंसारी अपने यूट्यूब चैनल पर 400 से ज्यादा वीडियो अपलोड कर चुके हैं. 2 साल पहले से ही ग्रामीण इलाकों के बच्चों की पढ़ाई डिजिटल माध्यम से करवा रहे हैं. बच्चों को अगर किसी सवाल में किसी तरह की कोई दिक्कत आती है तो व्हाट्सएप के जरिए समस्या का समाधान भी करते हैं. इन्फ़ॉर्मेशन कम्यूनिकेशन के लिए अंसारी को नेशनल अवार्ड मिल चुका है.
छत्तीसगढ़: सपना सोनी शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला जेवरा-सिरसा
सपना सोनी शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला जेवरा-सिरसा में व्याख्याता (भौतिक शास्त्र) के रूप में पदस्थ हैं. उन्हें यह पुरस्कार इनोवेशन से छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए दिया जा रहा है. पुरस्कार के लिए चयनित होने पर सपना सोनी ने बताया कि जन सहयोग से 2014 में जिले के शासकीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास की स्थापना हुई थी. इस अवसर का उपयोग करते हुए उन्होंने आईसीटी के माध्यम से नई तकनीकी द्वारा हिन्दी माध्यम में ई-कन्टेंट विकसित किया और इसे ऐसे बनाया, ताकि छात्रों को आसानी से समझ में आ जाए.
देशभर से इन शिक्षकों को मिला अवॉर्ड
मनोज कुमार लखरा (हरियाणा), नरदेव सिंह (हिमाचल प्रदेश), राजिंदर कुमार (पंजाब), सुरेंद्र सिंह (शुमाल मगरिबी दिल्ली), केवानंद कांडपाल (उत्तराखंड), गीता कुमारी (राजस्थान), सिंधु प्रभु देसाई (गोवा), महिपाल सिंह सज्जनसिंह जेतावत (गुजरात), प्रकाशचंद्र नरभेरम सुथार (गुजरात), संजय कुमार (मध्य प्रदेश), मोहम्मद शाहिद अंसारी (मध्य प्रदेश), अखिलेश्वर पाठक (बिहार), बसंत कुमार साहू (ओडिशा), तापस कुमार मोहंती (ओडिशा), मिशा घोषाल (मगरिबी बंगाल), कलीमुल हक (मगरिबी बंगाल), सुनील कुमार (जम्मू और कश्मीर), रूही सुल्ताना (जम्मू और कश्मीर), सोनम ग्यालत्सन (लद्दाख), विकास कुमार (उत्तर प्रदेश), मोहम्मद इशरत अली (उत्तर प्रदेश), स्नेहिल पांडे (उत्तर प्रदेश) वहीं, ज्योति अरोड़ा (दिल्ली), संगीता सोहनी (महाराष्ट्र), सपना सोनी (छत्तीसगढ़), साजी कुमार वीएस (केरल), सुधा पेंदुली (उत्तराखंड), चेम्मलर शनमुगम (बैंगलोर), इशिता डे (झारखंड), अर्चना गुरुंग (साउथ सिक्किम), लोमस ढुंगेल (ईस्ट सिक्किम), राहुल शंकर चटर्जी (मेघालय), संजय दास (त्रिपुरा), गौतम देव सरमा (असम), स्मिथ कुमार सोनी (झारखंड), निरुपमा कुमारी (झारखंड), थैंलिटा थैंकप्पन (केरल), मधु बाबू असपन (आंध्र प्रदेश), पद्म प्रिया वुम्माजी (हैदराबाद), याकूब एस (कर्नाटक), सुरेखा जगन्नाथ (कर्नाटक), धीलीप एस (तमिलनाडु), सरस्वती आर सी (तमिलनाडु), नारायण चंद्रकांत मंगलाराम (महाराष्ट्र), सेल्वमुथुकुमारन राजकुमार (पुदुचेरी), जोशी सुधा गौतमभाई (गुजरात), संत कुमार सहानी (बिहार) को यह अवार्ड दिया गया है.