कौन थे वीर तेजाजी महाराज, जिनकी आज होती है पूजा
हिंदू सनातन धर्म के अलावा स्थानीय परिदृश्य में अनेक लोक देवताओं के पूजन की परंपरा चली आ रही है. इन्हीं में से एक है वीर तेजाजी महाराज (Tejaji Maharaj) का पूजन. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन तेजा दशमी (Teja Dashmi 2020) पर्व मनाया जाता है. इसके चलते आज शुक्रवार (Friday) को तेजा दशमी मनाई जा रही है. मध्यप्रदेश और राजस्थान में गांव-गांव में तेजा दशमी मनाई जाती है और इस दिन अनेक जगहों पर तेजाजी के मंदिरों में मेले का भी आयोजन किया जाता है. हालांकि इस बार कोरोना (Corona) महामारी के चलते मेले नहीं लगे हैं. मान्यता है कि सर्पदंश से बचने के लिए वीर तेजाजी का पूजन किया जाता है
तेजा दशमी की कथा
प्रचलित लोक कथा के अनुसार प्राचीन समय में तेजाजी राजा बाक्साजी के पुत्र थे. वे बचपन से ही साहसी थे और जोखिमभरे काम करने से नहीं डरते थे. एक बार वे अपने साथी के साथ बहन को लेने उसके ससुराल गए. उस दिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी. बहन के ससुराल जाने पर तेजा को पता चला है कि मेणा नामक डाकू अपने साथियों के साथ बहन की ससुराल से सारी गायों को लूटकर ले गया है. तेजाजी अपने साथी के साथ जंगल में मेणा डाकू से गायों को छुड़ाने के लिए गए. रास्ते में एक बांबी के पास भाषक नाम का सांप घोड़े के सामने आ जाता है और तेजा को डंसने की कोशिश करता है. तेजाजी उस सांप को वचन देते हैं कि अपनी बहन की गायों को छुड़ाने के बाद मैं वापस यहीं आऊंगा, तब मुझे डंस लेना. ये सुनकर सांप रास्ता छोड़ देता है.
तेजाजी डाकू से अपनी बहन की गायों को आजाद करवा लेते हैं. डाकुओं से हुए युद्ध की वजह से वह लहूलुहान हो जाते हैं और ऐसी ही अवस्था में सांप के पास जाते हैं. तेजा को घायल अवस्था में देखकर नाग कहता है कि तुम्हारा पूरा शरीर खून से अपवित्र हो गया है. मैं डंक कहां मारुं? तब तेजाजी उसे अपनी जीभ पर काटने के लिए कहते हैं. तेजाजी की वचनबद्धता को देखकर नागदेव उन्हें आशीर्वाद देते हैं कि जो व्यक्ति सर्पदंश से पीड़ित है, वह तुम्हारे नाम का धागा बांधेगा, उस पर जहर का असर नहीं होगा. उसके बाद नाग तेजाजी की जीभ पर डंक मार देता है. इसके बाद से हर साल भाद्रपद शुक्ल दशमी को तेजाजी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. जिन लोगों ने सर्पदंश से बचने के लिए तेजाजी के नाम का धागा बांधा होता है, वह मंदिर में पहुंचकर धागा खोलते हैं.