गणेश चर्तुथी को नहीं करना चाहिए चंद्र दर्शन, लगता है कलंक
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है। इसे या विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। गणेश चतुर्थी को लेकर कई तरह की मान्यता हैं, जिनमें एक यह भी है कि उस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से पाप लगता है। मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति उस दिन चंद्रमा के दर्शन कर लेता है उस पर झूठा आरोप लगता है। जानिए इसके पीछे की कहानी और यदि गलती से चंद्रमा के दर्शन हो जाए तो क्या उपाय करना चाहिए।
गणेशजी और चंद्रमा की कहानी
यह बात तब की है जब गणेशजी को गज मुख लगाया गया। उन्होंने पृथ्वी की सबसे पहले परिक्रमा की, तो प्रथम पुज्य कहलाए। सभी देवताओं ने उनकी वंदना की, लेकिन तब चंद्रमा मंद-मंद मुस्कुराते रहे। दरअसल, चंद्रमा को तब अपने सौंदर्य पर घमं हो गया था। बाकी देवताओं की तरह चंद्रमा ने गणेशजी की वंदना नहीं की तो गणेशजी को गुस्सा आ गया। गणेशजी ने गुस्से में आकर चंद्रमा को श्राप दे दिया कि आज से तुम काले हो जाओगे। चंद्रमा को समझ आ गया कि उसने बड़ी भूल हो गई है। चंद्रमा ने माफी मांगी तो गणेशजी ने कहा कि जैसे-जैसे सूर्य की कारणें उन पर पड़ेगा, चमक लौट आएगी। लेकिन भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी का यह दिन आपको दंड देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। जो कोई व्यक्ति इस दिन चंद्रमा का दर्शन करेगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा।
यदि गलती से चंद्रमा का दर्शन हो जाए तो नीचे दिए मंत्र का जाप करना चाहिए। सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत:। सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष: स्यमन्तक:।। इस मंत्र से कलंक मिट जाता है।
इस बार 10 दिनों तक गणपति की आराधना करने के पश्चात 01 सितंबर दिन मंगलवार को गणपति बप्पा को विसर्जित कर दिया जाएगा। उस दिन अनंत चतुर्दशी है।