भाद्रपद में करना चाहिए इन चीजों के सेवन से परहेज
श्रीमदभगवदगीता का पाठ करने से भादों में होगा लाभ
भगवान शिव के प्रिय श्रावण मास के बाद भाद्रपद की शुरुआत हो चुकी है. भाद्र का अर्थ है कल्याण देने वाला और भाद्रपद का अर्थ होत है भद्र परिणाम देने वाले व्रतों का महीना. यह महीना लोगों को व्रत, उपवास, नियम और निष्ठा का पालन करना सिखाता है. अपनी गलतियों को याद करके उनका प्रायश्चित करने के लिए यह सर्वोत्तम महीना है.
भाद्रपद का महीना मन को शुद्ध करने और पवित्र भाव भरने के लिए काफी कारगर है. इसी महीने में गणेश चतुर्थी का बड़ा पर्व मनाया जाता है. श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव और कलंक चतुर्थी भी इसी महीने में आती है. इस बार भाद्रपद का महीना 04 अगस्त से 02 सितंबर तक रहने वाला है
भाद्रपद मास के नियम और सावधानियां क्या हैं?
- इस महीने में कच्ची चीजें खाने से परहेज करें
- दही का प्रयोग करना पूर्ण रूप से वर्जित है.
- इस महीने में रक्तचाप बढ़ने की सम्भावना होती है. इसका भी विशेष ध्यान रखना चाहिए.
- भादो में रविवार को चावल न खाने सलाह दी जाती है. इसके आखिरी रविवार में आपको इसका ध्यानपूर्वक पालन करना चाहिए.
- शीतल जल से दो वक्त स्नान करें ताकि आलस्य दूर हो पाए.
- भगवान कृष्ण को तुलसी दल अर्पित करना और तुलसी दल को चाय या दूध में उबालकर पीना अच्छा होगा.
भाद्रपद मास के त्योहार
- इस महीने में गणेश चतुर्थी और गणेश महोत्सव का पर्व आता है.
- इसी महीने में श्रीकृष्ण, बलराम और राधा का जन्मोत्सव भी आता है.
- इस महीने में महिलाओं के सौभाग्य का पर्व हरितालिका तीज आता है.
- इसी महीने में अनंत पुण्य प्राप्त करने का पर्व 'अनंत चतुर्दशी' भी आता है.
इस माह में श्रीकृष्ण की कृपा कैसे मिलेगी?
इस पूरे माह यदि श्री कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराया जाए तो तमाम मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं. जिन लोगों को संतान सुख नहीं है, उन लोगों को इस माह या तो कृष्ण का जन्म कराना चाहिए या कृष्ण जी के जन्मोत्सव में शामिल होना चाहिए. इस महीने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए श्रीमदभगवदगीता का पाठ शुभ परिणाम देता है. इस महीने में लड्डू गोपाल और शंख की स्थापना से घर में धन और सम्पन्नता आती है.