सावन मास के उपवास में इन बातों का रखे ख्याल, मिलेगा शिव का वरदान
Sawan Maas 2020: सावन मास भगवान महादेव को समर्पित है और इस मास में शिव की भक्ति करने से सुख-समृद्धि, आरोग्य के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए शिवभक्त इस मास में भगवान भोलेनाथ की भक्ति श्रद्धापूर्वक करते हैं। सावन मास के उपवास विशेषकर सोमवार के व्रत का विशेष महत्व है। शिव भक्ति के लिए भक्त इन दिनों उपवास करते हैं। इस दौरान कुछ खास नियमों का पालन करना होता है और कुछ सावधानियां भी बरतनी होती है।
उपवास में मिलती है शरीर को शक्ति
सावन मास में भगवान भोलेनाथ कैलाश पर्वत को छोड़कर कुछ समय धरती पर निवास करते हैं। इसलिए इस दौरान महादेव की आराधना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस मास में व्रत रखना स्वास्थ्य के लाभदायक होता है। इस समय जल जनित और वायु जनित रोगों के होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि इस वक्त वातावरण में सूक्ष्मजीवों के प्रजनन में काफी वृद्धि होती है। व्रत के जरिए शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्ति मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता दुरुस्त होती है।
उपवास में करें इन चीजों का सेवन
सावन मास में सूर्योदय के पहले उठें और अपने दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से से करें। स्नान आदि से निवृत्त होकर शिव आराधना करें। अपनी इच्छा और शरीर की प्रकृति के अनुसार व्रत का पालन कर सकते है। फलाहार में साबूदाना की खीर, कूट्टू के आटे का हलवा या पूरियां, या फलों का नाश्ता ले सकते हैं। शाम को चाय पी सकते हैं। व्रते के दौरान शरीर में पानी की कमी न होने दें और 8 से 10 गिलास पानी का सेवन करें। फलों में संतरा, मौसमी, अंगूर, लीची और सूखे मेवे का सेवन ज्यादा करें।
मिट्टी के शिवलिंग की करें पूजा
भगवान भोलेनाथ की आराधना करने के लिए संभव हो तो मिट्टी के शिवलिंग बनाएं। शिवलिंग पर भांग और धतूरा समर्पित करें। शाम के समय महादेव की आरती करें और जरूरतमंद या किसी विद्वान ब्राह्मण को दूध का दान करें। सावन मास में यदि आपके दरवाजे पर सांड या गाय आ जाएं तो उसको कुछ खाने को दें।