गंगा सप्तमी : धन-आरोग्यता का वरदान पाने करें ये उपाय
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार गंगा सप्तमी 11 मई को पड़ रही है. शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां गंगा का अवतरण हुआ था. मान्यता है कि ऋषि भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा धरती पर आईं थीं. इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से भक्तों के पाप कर्मों का नाश होता है.
इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि इस तिथि पर गंगा स्नान, तप ध्यान तथा दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसे में आइए जानते हैं गंगा सप्तमी के पावन पर्व पर कैसे गंगाजल के दिव्य प्रयोग से आप आरोग्यता और धन का वरदान पा सकते हैं.
रोगों से मुक्ति दिलाएगा गंगाजल का ये दिव्य प्रयोग-
- इस दिन अपने स्नान के जल में एक चम्मच गंगा जल मिलाकर स्नान करने से रोगों से मुक्ति मिलती है.
- गंगाजल में तमाम औषधियां और वनस्पतियों के गुण मौजूद होने के कारण यह अमृतकारी माना जाता है.
-रोगों से मुक्ति पाने के लिए एक तांबे का लोटा लेकर उसमें गंगाजल भर लें. अब एक कुशा के आसन पर बैठकर गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें.
- जाप के बाद घर का हर सदस्य एक चम्मच (खासतौर पर बच्चे ) गंगाजल ग्रहण करें. बाकी गंगाजल से अपने घर में छिड़काव कर दें.
गंगा सप्तमी पर धन धान्य पाने के लिए करें ये उपाय-
- गंगा सप्तमी पर चांदी या स्टील के लोटे में गंगाजल भरकर उसमें पांच बेलपत्र डाल लें.
- कोशिश करें कि इस दिन सुबह या शाम घर से नंगे पैर निकलें.
- भगवान शिवलिंग पर एक धारा से यह गंगाजल नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए अर्पण करें. ऐसा करते हुए भोलेबाबा को बेलपत्र भी अर्पण करें.
-इन उपायों को करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होने के साथ व्यक्ति को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे.
गंगा सप्तमी पर गंगाजल से किए उपाय बच्चों और बड़ों के हर काम को सफल-
- घर के ईशान कोण अर्थात उत्तर पूर्व दिशा में पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर रखें. ऐसा करने से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है.
- यदि घर में छोटे बच्चे रात में डरते हैं तो उनके सोने के कमरे में सोने से पहले गंगाजल का छिड़काव करें. साथ ही ऐसा करते समय गायत्री मंत्र का भी जाप करें.
- अगर आपके घर या ऑफिस में वास्तु दोष है तो हर पूर्णिमा और अमावस्या पर गंगाजल का छिड़काव करने से वास्तुदोष खत्म होता है.