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तेल कंपनियों ने लिया बड़ा फैसला, नहीं बढ़ाऐगें BS-6 ईंधन के दाम



पूरे देश में इस बुधवार से सबसे स्वच्छ बीएस 6 मानक वाले ईंधन की बिक्री शुरू हो गई है। सरकार की योजना के मुताबिक ये बिक्री शुरू हुई है। बता दें कि बीएस 4 के मुकाबले बीएस 6 ईंधन के उत्पादन में ज्यादा लागत आती है, बावजूद इसके सरकारी तेल कंपनियों ने ग्राहकों से BS 6 ईंधन के लिए ज्यादा कीमत नहीं वसूलने का फैसला किया है।

इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने बताया है कि देश में कोरोना वायरस महामारी की वजह से लॉकडाउन की स्थिति है। इसे देखते हुए यह फैसला किया गया है कि ग्राहकों से ज्यादा कीमत नहीं वसूली जाएगी। हालांकि बुधवार से कुछ राज्यों ने पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले वैट की दरें बढ़ाई हैं, जिसके चलते ये ईंधन थोड़ा महंगा हुआ हैं। बता दें कि कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र समेत कुछ अन्य राज्यों ने वैट की दरें बढ़ाई हैं।

गौरतलब है कि सरकार ने वर्ष 2015 में यह फैसला किया था कि 1 अप्रैल 2020 से देश में बीएस 4 से सीधे बीएस 6 मानक वाले पेट्रोल व डीजल की बिक्री की जाएगी। बीएस 5 ईंधन की बिक्री भारत ने टाल दी। बीएस 6 ईंधन पर्यावरण के लिहाज से ज्यादा उपयुक्त है। इसकी वजह से सरकारी तेल कंपनियों को अपनी रिफाइनरी में 35 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करना पड़ा।

माना जा रहा था कि नए मानक वाले पेट्रोल व डीजल पहले के मुकाबले 1.50 रुपए तक महंगे हो जाएंगे। लेकिन फरवरी 2020 के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण तेल कंपनियों को काफी मदद मिली। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 64 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 25 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इसका पूरा फायदा कंपनियों ने कीमतों में आम जनता को नहीं दी है। इसके पीछे एक वजह यह भी रही कि सरकार ने भी पेट्रोल व डीजल पर केंद्रीय शुल्कों में बढ़ोतरी कर दी। अब राज्यों ने भी स्थानीय वैट टैक्स बढ़ा दिया। पर कच्चे तेल की कीमत में गिरावट से इस बढ़ोतरी को समायोजन करने में मदद मिला। इसके चलते तेल कंपनियां मौजूदा स्थिति में उसी अतिरिक्त लागत की भरपाई कर रही हैं। वैसे भी लॉकडाउन के कारण पेट्रोल व डीजल की बिक्री काफी घट गई है। तेल कंपनियों ने बताया है कि वे बीएस 6 की बढ़ी हुई लागत का बोझ फिलहाल खुद उठाएंगी।

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