TDS, Pension पर सरकार के नए नियमों कर्मचारियों को होगा फायदा
नौकरीपेशा लोगों और Pension पेंशनभोगियों के लिए यह राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए इन्हें TDS टीडीएस में रियायत दी है। नए नियमों के अनुसार इन वर्गों के जो लोग अभी टैक्स के दायरे में नहीं आते, उन्हें TDS टीडीएस नहीं कटाना पड़ेगा। Central Board of Direct Taxes (CBDT) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया है। इस निर्णय से देश भर के लाखों वेतनिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधे तौर पर फायदा होगा।
सर्कुलर में वेतन पाने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों से सालाना आमदनी की गणना करने को कहा गया है। सकल आय पर मिलने वाली कटौतियां, छूट व राहत को इसमें से घटाने पर यदि कर योग्य आय बनती है तो कार्मिक 12 समान किस्तों में TDS टीडीएस की अदायगी कर सकेंगे। कर योग्य आय यदि छूट सीमा के दायरे में है तो TDS Duduction टीडीएस कटौती नहीं करानी पड़ेगी। अब तक सामान्य कर्मियों का वेतन ढाई लाख रुपये, वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन तीन लाख और अति वरिष्ठ नागरिकों की Pension पेंशन पांच लाख रुपये से ज्यादा होने पर नियोक्ता के स्तर से TDS Deduction टीडीएस कटौती कर ली जाती थी।
जानकारों का कहना है
टैक्स एवं वित्त सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल ने कहा कि सरकार ने Income Tax Act आयकर अधिनियम की धारा 192 में वेतन से TDS टीडीएस कटौती के नियमों में परिवर्तन किया है। इसका लाभ बड़ी संख्या में Salary वेतन और Pension पेंशन पाने वालों को मिलेगा।
नए नियम के बाद अब यह होगा बदलाव
विभिन्न प्रकार की राहत, छूट और कटौती इसमें शामिल नहीं थी लेकिन, अब सर्कुलर में स्पष्ट कर दिया गया है कि सालाना आय में राहत, छूट और कटौती को घटाने के बाद ही टीडीएस की कटौती की जानी है। Nationalized Bank राष्ट्रीयकृत बैंकों से पेंशन पाने वालों को भी यह सुविधा मिलेगी। आयकर अधिकारियों ने बताया कि उनके पास यह सर्कुलर पांच मार्च को पहुंचा है।
TDS को लेकर यह भी जान लें, 15 मार्च तक जमा होगा टैक्स
आगामी 15 मार्च तक वित्तीय वर्ष 2019-20 का 100 फीसद Advance Tax एडवांस टैक्स जमा कराने की आखिरी तारीख है। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2018-19 का Income Tax Return (ITR) आयकर रिटर्न न भरने वालों के लिए आखिरी मौका अब भी है। हालांकि ऐसा करने वालों को 10 हजार रुपए बतौर पेनल्टी आईटीआर फाइल करना होगा।
इस महीने सारे Retuen अच्छे से जांच लें अन्यथा होगी ये परेशानी
CA मोहनलाल कुकरेजा ने आयकर दाताओं को सतर्क रखते हुए बताया है कि वे इसी महीने अपने सारे लंबित Return रिटर्न भरने से अच्छी तरह से खाता जांच लें। वित्तीय वर्ष 2019-20 की Balance Sheet बैलेंस शीट और Profit and Loss Account प्रॉफिट एंड लॉस एकाउंट अभी से देख लें। लेनदारों व देनदारों से भी अपने सारे Statament स्टेटमेंट का मिलान कर लें।
नए रिटर्न अप्रैल से होंगे लागू
आगामी अप्रैल 2020 से GST जीएसटी के नए रिटर्न GST RET 1 जीएसटी आरईटी वन लागू होने जा रहे हैं। इनमें उन व्यापारियों को टैक्स भरना होगा, जो केवल ग्राहकों के साथ ही कारोबार करते हैं। जीएसटी आरईटी वन सभी तरह की बिक्री, एक्सपोर्ट, ई-कॉमर्स आदि बिक्री पर भी आएगी।
Income Tax Return भरने में कोताही बरतने वाले Tax Payers करदाता सावधान हो जाइए। आपकी गलती से आपको 77.25 फीसद अधिक टैक्स चुकाना पड़ सकता है। Income tax department ने इन दिनों ऐसे मामले में सैकड़ों Tax Payers करदाताओं को नोटिस भेजा है और Tax Payers करदाता CA कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं।
Income Tax आयकर की धारा 115 बीबीई में बदलाव हुआ है। पहले इसमें 30 फीसद टैक्स था लेकिन अब सरचार्ज मिलाकर 77.25 फीसद टैक्स देना पड़ सकता है। कर विशेषज्ञों का कहना है कि करदाताओं को TAX टैक्स ईमानदारी से भरना चाहिये और आय का अन्य स्त्रोत बताना चाहिये।
अगर करदाता ईमानदारी से अपना TAX टैक्स चुकाते हैं तो 5, 20 और 30 फीसद TAX ही देना होगा लेकिन Income Tax आयकर की इस धारा में फंसे तो 77.25 फीसद देना होगा। जिन लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं, उनमें अधिकांश मामले नोटबंदी के दौरान के हैं और ज्वेलर्स, रिटल इस्टेट कारोबारी,लोहा कारोबारी भी अधिक संख्या में है।
ऐसे समझ आयकर का नया नियम ITR New Rule
यदि आपको 50 लाख की आय हुई है और आप इसके सोर्स Source Of Income जानकारी नहीं दे पा रहे हैं कि आपको यह कैसे व कहां से प्राप्त हुई है, तो इस कंडीशन में आपको 50 लाख का 77.25 फीसद यानि 36 लाख के करीब TAX चुकाना पड़ सकता है।
बचने के लिए आजमाएं ये तरीके
अगर आप Income Tax आयकर विभाग की ओर से इस New Rule की धारा में फंस रहे हैं तो आपके पास तीन Option हैं। छत्तीसगढ़ आयकर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चेतन तारवानी का कहना है कि लेकिन इनका इस्तेमाल आप तब ही करें, जब आप पूरी तरह से कन्फर्म हो कि आप गलत नहीं है और विभाग की गलती है।
1. आयकर कमिश्नर Income Tax Commissioner के पास जाकर ITR रीविजन के लिए आवेदन दे सकते हैं।
2. अगर यदि क्लर्किल के स्तर पर गलती है तो Income Tax आयकर की धारा 154 के अंतर्गत 30 दिन के भीतर आप इसके खिलाफ अपील कर सकते हैं।
3. अपना टैक्स Income Tax ईमानदारी से भरें और किसी भी तरह से अपनी Income आय न छिपाएं। आय के स्त्रोत Source Of Income की जानकारी रखें तो किसी भी तरह से परेशानी नहीं होगी। -