इस दिन ने शुरू होंगी चैत्र की नवरात्रि
नवरात्र की दिनों में देवी की आराधना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इन दिनों माता की आराधना करने से समस्त कष्टों का नाश होता है, विपदाओं से मुक्ति मिलती है और सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। एक साल में चार नवरात्र आती है इनमें से दो गुप्त नवरात्रि होती है, जो पौष और आषाढ़ मास में आती है। जबकि बाकी दो मे से एक आश्विनी प्रतिपदा से नवमी तिथि तक और दूसरी चैत्र नवरात्र होती है। चैत्र नवरात्र को वासंतीय नवरात्र भी कहा जाता है।
वासंतीय नवरात्र के दौरान देवी की आराधना की जाती है। इन नौ दिनों में नवदुर्गा अर्थात नौ देवियों की पूजा की जाती है। इस साल वासंतीय नवरात्र का प्रारंभ 25 मार्च को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से होगा और इसका समापन 2 अप्रैल को रामनवमी के दिन होगा। चैत्र नवरात्र के दिनों में ऋतु परिवर्तन होता है और गर्मी के मौसम की शुरूआत होती है। इसलिए वासंतीय नवरात्र पर ऋतुओं का मिलन होता है और इसी वजह से इन दिनों में उपवास का बड़ा महत्व बताया गया है, जो शरीर की शुद्धि के लिए जरूरी है। इस बार चैत्र नवरात्र में घट स्थापना मीन लग्न में होगी।
नवरात्र तिथि और मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ - 24 मार्च मंगलवार को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट से
प्रतिपदा तिथि का समापन - 25 मार्च मंगलवार को शाम 5 बजकर 26 मिनट पर
घटस्थापना का मुहूर्त - 25 मार्च को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 7 बजकर 17 मिनट तक
मीन लग्न - सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 7 बजकर 17 मिनट तक