झूठे-लुभावने विज्ञापन दिखाने वाली कंपनियों पर अब लगेगा जुर्माना
लुभावने वादे और झूठे दावों वाले विज्ञापन अब कंपनियों के लिए नुकसान का सौदा हो सकते हैं. चेहरे को गोरा बनाने, शरीर को लंबा करने या फिर मोटापे से छुटकारा जैसे विज्ञापन दिखाने पर कंपनियों को 50 लाख तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. आम ग्राहकों को झूठे वादे करके उत्पाद बेचने को लेकर केंद्र सरकार सख्त हो गई है. ऐसे धोखेबाजी वाले विज्ञापनों को रोकने के लिए एक नया कानून आ रहा है.
झूठे विज्ञापनों पर सजा के प्रावधान होंगे कड़े
केंद्र सरकार ने उत्पादों को बेचने के लिए इस्तेमाल होने वाले झूठे विज्ञापनों पर नकेल कसने के लिए मौजूदा ड्रग्स एंड मैजिक रेमिडीस (ऑब्जेक्शनेबल एडवर्टाइजमेंट) एक्ट 1954 में संशोधन करने का फैसला किया है. इसके तहत अपने उत्पाद को बेचने के लिए झूठे विज्ञापन बनाने पर पाबंदी लगाने का प्रावधान किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि शरीर को आकर्षक बनाने के झूठे वादे वाले विज्ञापन दिखाने पर कंपनियों को 10 लाख रुपये तक जुर्माना और दो साल कारावास का प्रावधान किया जा रहा है. अगर इसके बावजूद कंपनियां ऐसे विज्ञापन दिखाने से बाज नहीं आती तो जुर्माना 50 लाख रुपये तक वसूलने का प्रावधान किया जा रहा है.
कौन से विज्ञापनों पर कसेगी नकेल
जानकारों का कहना है कि त्वचा गोरा करने वाले, सफेद वालों को काला करने वाले, शरीर को लंबा करने वाले और मोटापे से छुटाकारा जैसे विज्ञापनों पर सख्त कार्रवाई होगी. उल्लेखनीय है कि ग्राहकों को अपना उत्पाद बेचने के लिए ज्यादातर कंपनियां शरीर को आकर्षक बनाने के झूठे वादे करते हैं. ऐसे विज्ञापनों में उत्पाद इस्तेमाल से जादूई परिणाम का दावा किया जाता है. आम ग्राहक भी इन विज्ञापनों को सच मानकर उत्पाद खरीद लेते हैं. लेकिन इनसे कुछ खास फायदा नहीं होता.