PF : प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगी सरकार की ये योजना
Private Sector के वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छी खबर हो सकती है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो केंद्र सरकार जल्द ही कर्मचारियों को बड़ी राहत दे सकती है। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो जल्द ही सरकार EPF की तरह Pension Scheme पेंशन योजना ला सकती है जिसमें नाम दर्ज किया जाना अनिवार्य हो सकता है। दूसरे शब्दों में कहें तो, ऐसी पेंशन योजना के लिए, वेतन में से एक निश्चित राशि की कटौती किया जाना जरूरी होगा। हालांकि, इस कटौती की राशि को तय करने का अधिकार कर्मचारियों के पास स्वयं होगा।
Times of India के मुताबिक, सरकार के इस कदम से लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा। वित्त सचिव राजीव कुमार ने एक बातचीत में बताया कि इस पेंशन स्कीम के लिए बकायदा एक व्यवस्था बनाई जा रही है। इसमें कम से कम 100 रुपए की कटौती की जा सकेगी। साथ ही कंपनी की तरफ से भी इतनी ही राशि का योगदान दिया जा सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आज का युवा जब उम्रदराज होगा तो उसे पैसों की ज़रूरत पड़ेगी। कर्मचारी अक्सर अपने PF account को लेकर चिंतित रहते हैं। असल में, प्राइवेट सेक्टर के अधिकांश कर्मचारियों को EPF के तहत मिलने वाली पेंशन के बारे में जानकारी नहीं है।
विशेषज्ञ दावा करते हैं कि जब कर्मचारी के वेतन में से कटौती की जाती है तो वह दो जगहों पर जाती है। पहला हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि Employees' Provident Fund यानी पीएफ और दूसरा कर्मचारी पेंशन योजना Employees' Pension Scheme अथवा EPS में जाता है। कर्मचारी की सैलरी का 12 प्रतिशत कटता है और यह EPF खाते में जमा होता है। इसके अलावा, 3.67 प्रतिशत राशि EPF account में नियोक्ता कंपनी द्वारा जमा की जाती है जबकि बची हुई 8.33 प्रतिशत राशि सीधे EPS fund यानी पेंशन कोष में जमा की जाती है।
PF और Pension राशि की निकासी के नियम
कर्मचारी द्वारा ईपीएफ खाते में से राशि किसी भी समय वापस ली जा सकती है। हालांकि, पेंशन राशि की निकासी को लेकर नियम सख्त हैं। अगर कोई कर्मचारी 6 महीने से ज्यादा, लेकिन 9 साल और 6 महीने से कम समय से काम कर रहा है, तो वह फॉर्म 19 और 10 सी जमा करके पीएफ खाते में राशि के साथ-साथ पेंशन भी निकाल सकता है। लेकिन इसके लिए केवल मैन्युअल रूप से पीएफ कार्यालय में आवेदन करना होगा। पेंशन विड्रावल की ऑनलाइन प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की गई है। कर्मचारी एक फॉर्म भर सकता है और फिर उसे नियोक्ता के माध्यम से ईपीएफओ कार्यालय में जमा करा सकता है।