3000 हजार साल पुरानी मिस्त्र की ममी से सुनाई दी आवाज
पिरामिडों के रहस्य पर बनी हॉलीवुड की कई फिल्मों में ममी अपने ताबूत से बाहर आ जाती हैं. वो बोलने लगती हैं. उनकी आवाज दिल दहला देती है लेकिन अब फिल्मी ममी ही नहीं असली ममी भी बोलने लगी है. मिस्र की 3000 साल पुरानी एक ममी को दोबारा बोलते हुए सुना गया. ठीक वैसे ही जैसे 3000 साल पहले वो बोला करती थी.
कौन है वो ममी जो 3000 साल बाद बोल उठी?
इस ममी का नाम नेस्यामूं है. 3000 साल पहले मिस्र के एक प्राचीन शहर में नेस्यामूं एक पुजारी था. उसकी मौत के बाद मिस्र के प्राचीन लोगों ने अपनी परंपरा का पालन करते हुए उसे ममी बना कर दफना दिया. 18वीं शताब्दी में नेस्यामूं की ममी को लंदन में लीड्स सिटी म्यूजियम में ले आया गया.
क्या है 3000 साल बाद बोलने वाली ममी का राज?
हजारों साल के दौरान नेस्यामूं की ममी की जीभ और तालू पूरी तरह से सड़ गए. हालांकि उसके कंठ में मौजूद स्वर-तंत्र के उत्तक अभी भी सुरक्षित थे. ये पता चलने पर वैज्ञानिकों ने नेस्यामूं को दोबारा आवाज देने का फैसला किया. वैज्ञानिक रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन की एक प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों ने 3-डी प्रिटिंग की तकनीक, कंप्यूटर और लाउडस्पीकर की मदद से 3000 साल पहले मर चुके पुजारी नेस्यामूं की आवाज को दोबारा सुनने में कामयाबी पाई.
ममी के स्वर-यंत्र का 3-डी मॉडल बनाया गया
इसके लिए सीटी स्कैन और 3-डी तकनीक की मदद से ममी के स्वर-तंत्र का मॉडल तैयार किया गया. इस 3-डी मॉडल को एक लाउडस्पीकर से जोड़ दिया गया. इस मॉडल से एक वैज्ञानिक उपकरण की मदद से ध्वनि तरंगों को गुजारा गया. ममी के स्वर-तंत्र के मॉडल से जब वो ध्वनि तरंग गुजरी तो उससे इंसान के बोलने जैसी एक आवाज निकली.
कैसी थी 3000 साल बाद बोलने वाली ममी की आवाज?
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 3 डी-मॉडल से वैसी ही आवाज पैदा हुई जैसे 3000 साल पहले उस ममी के स्वामी पुजारी नेस्यामूं की थी. हालांकि ये आवाज बहुत साफ नहीं थी. 3-डी मॉडल से निकली आवाज 'ईईई....' की थी. नेस्यामूं की ममी के स्वर-तंत्र के मॉडल ने सिर्फ 'ईईई....' की आवाज निकाली. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि नेस्यामूं की ममी में जीभ गायब थी. अगर जीभ भी होती तो वैज्ञानिक 3-डी मॉडल में उसकी भी नकल तैयार कर लेते. तब जो आवाज निकलती वो हूबहू वैसी ही होती जैसी 3000 साल पहले उस ममी के स्वामी नेस्यामूं की थी. फिर भी वैज्ञानिक ममी की आवाज की इस नकल को एक बड़ी सफलता मान रहे हैं.