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जो बहने वाली नदियों को प्रदूषित करता है, कलयुग का वही कालिया नाग



श्रीमद् भागवत कथा में श्री गोवर्धन नाथ भगवान का किया पूजन- छप्पन भोग का नैवेद्य ठाकुर जी को अर्पित
उज्जैन। परमात्मा ने मनुष्य जीवन में आपको धन, वैभव, संपदा, मान, सम्मान सभी का प्रभाव तो दिया है परंतु आज के प्रभाव में जीवन में गरीबी में गुजारे वह अभाव वाले दिनों को कभी मत भूल जाना। जिसने प्रभाव भरे जीवन में भी अभाव के दिन याद रखें वह कभी भी अपने रास्ते से नहीं भटक सकता।
श्री नागेश्वर महादेव प्रांगण ढाँचा भवन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के पांचवे दिन की कथा में उक्त उद्गार आचार्य पंडित सुनील कृष्ण व्यास बेरछा मंडी ने व्यक्त किये। आपने कहा श्री कृष्ण का चरित्र सिखाता है कि अभाव भरे जीवन में भी अपने इष्ट के प्रति परमात्मा के प्रति भाव को कभी कम न करना। आज की कथा में आपने पूतना मोक्ष शकट भंजन, बकासुर अघासुर उद्धार क़ी कथाओं का मार्मिक चित्रण किया। आपने कथा में कालिया मान मर्दन प्रसंग को समझाते हुए बताया कलयुग में प्राणी अगर किसी जल स्रोत या बहने वाली नदियों को प्रदूषित करता है। कलयुग का वही कालिया नाग है। कथा में श्री गोवर्धन नाथ भगवान की पूजा की गई एवं सभी भक्तों द्वारा लाए गए छप्पन भोग का नैवेद्य ठाकुर जी को अर्पित किया गया।

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