साल 2020 में इन राशियों पर पड़ेगा शनि की ढैया का असर
नवग्रहों में शनि से लोग सबसे ज्यादा डरते हैं। जबकि हकीकत यह है कि शनि मानव को उसके कर्मों के हिसाब से दंड देते हैं। शनि की दशा, महादशा, अंतर्दशा, साढ़े साती और ढैया में मानव को उसके कर्मों के हिसाब से दंड मिलता है। 24 जनवरी को शनि के मकर राशि में गोचर से कुछ राशियों को राहत मिलेगी तो कुछ राशियों की परेशानी में इजाफा होगा।
इन राशियों पर रहेगा शनि की ढैया का असर
इस साल तुला राशि वाले व्यक्ति शनि की ढैया के प्रभाव में रहेंगे। तुला राशि वालों पर इस साल शनि का चौथा ढैया प्रारंभ हो जाएगा। इस वजह से तुला राशि वालों को शत्रुओं से परेशानी रहेगी और कोई पुराना रोग परेशान कर सकता है। इस साल इस राशि वालों का मानसिक तनाव बढ़ेगा। कार्यस्थल पर चिंता में रहेंगे और सहयोगियों के साथ विवाद होने की संभावना है। उच्चाधिकारियों के साथ संबंध बिगड़ सकते हैं और जो व्यक्ति इस साल रोजगार की तलाश में हैं उनको नौकरी पाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। विदेश जाकर नौकरी करना वाले लोगों को इस ढैया का फायदा मिल सकता है और विदेश में उनको नौकरी मिलने के आसार हैं।
कारोबार में शनि का यह ढैया चिंताओं को बढ़ाने वाला है। जल्दीबाजी में लिया गया निर्णय परेशानी में डाल सकता है। व्यापार विस्तार की योजना को फिलहाल टालना बेहतर रहेगा। इसमें मुनाफे की बजाय नुकसान होने की संभावना है। उधार दिए गए धन के वापसी में दिक्क्त आ सकती है, लेकिन साझेदारी में किए गए कारोबार में इस समय फायदा हो सकता है।
मिथुन राशि वालों पर रहेगा ऐसा असर
मिथुन राशि वालों के लिए इस साल शनि आठवें भाव में गोचर कर रहा है। इसको अष्टम ढैया या मृत्यु भाव भी कहा जाता है। शनि के इस ढैया की वजह से आपका वाणी पर संयम नहीं रहेगा। बनते हुए काम बिगड़ जाएंगे और छोटे से काम बड़ी मेहनत के बाद सफल होंगे। किसी भी कार्य को करने से पहले विचार करना जरूरी है। यदि कुंडली में शनि शुभ है तो उसके अच्छे फल भी मिल सकते हैं। इस समय जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं। 30 मार्च के बाद पिता के स्वास्थ्य में दिक्कत हो सकती है और धन की स्थिति में सुधार होने की संभावना है। पुराने मित्रों से मुलाकात होगी और उनकी मदद से कोई रुका हुआ काम बनेगा। खर्चों में बढ़ोतरी की संभावना है।
शनि ढैया निवारण के लिए करें यह उपाय
शनि ढैया के असर को कम करने के लिए हनुमानजी की आराधना करना बेहतर होगा। इसके लिए हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, हनुमान अष्टक और बजरंग बाण का पाठ करना बेहतर रहेगा। शनि की किसी भी पीड़ा को कम करने के लिए काले कुत्ते और काली गाय की सेवा करना भी फलदायी रहता है। शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक लगाना शुभ फल देता है। शनि मंत्रों का जाप शाम के समय करना शनि के अशुभ प्रभाव को कम करता है।