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परमात्मा का आश्रय लेने से सारे बन्धन खुल जाते हैं



उज्जैन। जोधपुर के भागवत प्रेमीयों द्वारा उज्जैन में आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के कार्यक्रम में कथा वाचक सुषमा परिहार ने बताया की जीव जब परमात्मा का आश्रय लेता है, तो सारे बन्धन खुल जाते हैं और परमात्मा को छोड़कर जब माया को पकड़ता है, तो फिर बन्धन में बॅध जाता है। क्योंकि माया बॉधती है, और गोविन्द छुड़ाते हैं। सुषमा परिहार ने श्री शुकदेव मुनि द्वारा राजा परिक्षित को भागवत कथा में चन्द्रवंश में श्रीकृष्ण का जन्म और नन्द उत्सव का जो मार्मिक वर्णन किया है से भक्तगणों को अवगत कराया। भक्तगणों को श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां बांटी गई। श्री बाल कृष्णलाल के जय जय कारो से कथा स्थल गूंज उठा। सत्यनारायण कछावा, शंकरलाल गहलोत, उम्मेद सिंह कछावा, गोविन्द राम सॉखला, ओम प्रकाश राठी, हनुमान प्रसाद गौड, जबर सिंह परिहार, खिंयाराम, मंगल कछावा, विष्णु गेहलोत, लालाराम गेहलोत, लीलाधर भाटी, अभयलाल सांखला, राजेश टांक एवं कई गणमान्य नागरिकों व अनेक भक्तगणों ने श्रीमद् भागवत महापुराण की आरती की। गायक कलाकार पंडित मुकेश और सहयोगियों ने श्रीकृष्ण के जन्म के भजन और बधाईयां गाकर माहौल को कृष्णमयी बना दिया।

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