10 साल से अपने अनुभवों को डायरी में लिख रहा है यह शख्स, वजह है खास
मैड्रिड। कई लोगों को डायरी लिखने का शौक होता है, कुछ लोग ब्लॉग या सोशल मीडिया पर भी अपने अनुभवों, यात्रा या विचारों को रखते हैं। खाली समय में डायरी के पन्नों को पलटते हुए हम अतीत में चले जाते हैं और उन पलों को याद करते हैं। मगर, जिंदगी की हर घटना को तो कोई भी नहीं लिखता होगा। हालांकि, स्पेन के मैड्रिड की पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी में साइंटिस्ट मॉरिस विलारोएल (morris villarroel) अपने दिन की हर घटना को डायरी में लिखते हैं। वह यह काम बीते 10 सालों से बदस्तूर कर रहे हैं।
स्पेनिश वैज्ञानिक मॉरिस अपने रोजमर्रा के जीवन का अधिक विस्तृत और पूर्ण रिकॉर्ड रखना चाहते हैं क्योंकि वह अपने जीने के ढंग और बेहतर और अधिक प्रभावी बना सकें। उन्होंने हर दिन उन सभी चीजों को लिखना शुरू कर दिया, जो उन्होंने अनुभव की थी। फरवरी 2010 में 40 वर्ष की उम्र में उन्होंने आत्म-ज्ञान और आत्म-सुधार के लिए महाकाव्य लिखने का फैसला किया था। उन्होंने अपने जीवन के सभी अनुभवों को सावधानीपूर्वक लिखकर, उन जगहों के बारे में लिखा जहां वे गए थे। जिन लोगों से मुलाकात हुई, उनसे मिले अनुभव भी लिखे।
वह हर दिन 15 से 30 मिनट में पूरे दिन का रिकॉर्ड लिखते हैं। उसने सोचा कि यह न केवल उसे सब कुछ याद रखने में बेहतर मदद करेगा, बल्कि उसे अपने समय और दिन-प्रतिदिन के जीवन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में भी मदद करेगा। नौ साल और नौ महीने बाद मॉरिस कहते हैं कि वह सही थे। मॉरिस के जीवन का एक मुख्य लक्ष्य समय प्रबंधन करना था, खासतौर पर वह यह समझना चाहते थे कि उन्होंने अपना समय कैसे बिताया और कैसे उनकी मनोदशा ने समग्र खुशी को प्रभावित किया।
उदाहरण के लिए वह ऑफिस जाने के लिए गाड़ी चलाते थे। मगर, जल्द ही उसने अपनी लॉग बुक में सब कुछ लिखने के बाद उन्होंने पाया कि वह अक्सर छोटी घटनाओं के बारे में परेशान हो जाता हैं। जैसे कि कोई व्यक्ति उसके सामने से कट मारकर चला गया या ट्रैफिक में फंसने पर वह झुंझला जाते थे। इसलिए मॉरिस ने मेट्रो से आना-जाना और पैदल चलना शुरू कर दिया। इससे न केवल उन्हें तनाव से कुछ छुटकारा मिला, बल्कि यह उनके स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर था। मॉरिस बताते हैं कि इसकी वजह से क्लास में या कॉन्फ्रेंस में उनके प्रदर्शन में सुधार हुआ है। इससे उन्हें छोटे विवरणों को नोटिस करने और उन उपायों को अपनाने में मदद मिली, जो अन्यथा वह भूल जाते। गए होंगे।