मंगलवार से शुरू होगा अग्नि पंचक, पंचक में नहीं करना चाहिए ये काम
धर्म शास्त्रों में पंचक के दौरान कई बातों का निषेध बताया गया है। वैसे जानकारों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि पंचक के दौरान सभी शुभ कार्य नहीं किए जा सकते हैं। कुछ खास कार्यों को पंचक में करने से मानव को तकलिफों का सामना करना पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार पंचक के पांच प्रकार बताए गए हैं।
रोग पंचक
रविवार को जो पंचक शुरू होता है उसको रोग पंचक कहते हैं। रोग पंचक के प्रभाव से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मांगलिक कार्यों का इस पंचक में निषेध बताया गया है और किसी भी तरह के शुभ कार्य इस पंचक में नहीं करना चाहिए।
राज पंचक
जो पंचक सोमवार को शुरू होता है उसको राज पंचक कहते हैं। इस पंचक को शुभ प्रभाव वाला माना जाता है। इन दिनों में सरकारी कार्यों में सफलता मिलने के योग रहते है। इस पंचक में संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ फलदायी होता है।
अग्नि पंचक
मंगलवार को प्रारंभ होने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहा जाता है। अग्नि पंचक के दौरान अदालती और वाद-विवाद से संबंधित कार्यों को करना शुभ रहता है। अग्नि पंचक में अग्नि संबंधी दुर्घटनाओं का भय रहता है। इस पंचक को अशुभ माना जाता है। इसके अलावा मशीनरी के कामकाज, निर्माण कार्य की शुरूआत के लिए यह पंचक अशुभ माना जाता है।
मृत्यु पंचक
मृत्यु पंचक शनिवार को प्रारंभ होता है। अपने नाम के अनुरूप मृत्यु पंचक मृत्यु तुल्य कष्ट देता है। इस पंचक की शुरूआत शनिवार जैसे अशुभ दिन से होती है। इन पांच दिनों में जोखिम से संबंधित काम नहीं करना चाहिए। इस पंचक के दौरान लड़ाई, दुर्घटना आदि की संभावना बनी रहती है।
चोर पंचक
शुक्रवार को प्रारंभ होने वाले पंचक को चोर पंचक कहा जाता है। इस पंचक में यात्रा का निषेध बताया गया है। इस पंचक में कारोबारी सौदे, लेन-देन नहीं करना चाहिए। इस पंचक में धनहानि होने की संभावना रहती है।
सामान्य पंचक
इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक में ऊपर दी गई बातों का पालन करना जरूरी नहीं है। इन दो दिनों में शुरू होने वाले पंचक में शुभ कार्य प्ररंभ करने का भी प्रावधान है।