top header advertisement
Home - धर्म << हमें भगवान राम के जीवन से सीख लेकर सीखना चाहिए मर्दव सागर महाराज

हमें भगवान राम के जीवन से सीख लेकर सीखना चाहिए मर्दव सागर महाराज


उज्जैन। चातुर्मास 2019 में ३५ वां पिछी परिवर्तन एवं मंगल कलश वितरण संत शिरोमणी आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि 108 मार्दव सागर महाराज भगवान महावीर की तपस्थली उज्जैन के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर जैन बोर्डिंग में विराजमान है का रविवार दोप 1:00 बजे से कार्यक्रम प्रारभ हुआ। बाहर से आई समाज का वात्सल्य भोज एवं स्वल्पाहार भी हुआ।
उल्लेखनीय है कि संपूर्ण दिगंबर एवं श्वेताम्बर जैन समाज में चतुर्मास के 4 माह में मुनि एवं आचार्यों के चतुर्मास एक जगह रहकर ही संपन्न किए जाते हैं। उसी के अंतर्गत मुनि श्री मार्दव सागर जी महाराज का  चतुर्मास कलश स्थापना 21 जुलाई  को हुआ। एवं चातुर्मास समापन महाराज श्री का पिछी परिवर्तन एवं कलश वितरण का कार्य रविवार 10 नवंबर को संपन्न हुआ  सचिव सचिन कासलीवाल ने बताया कि सर्वप्रथम आचार्य श्री के चित्र का अनावरण दीप प्रज्जवलन के पश्चात मंगलाचरण तत्पश्चात संपूर्ण समाज एवं महिला मंडलों द्वारा श्री जी की एवं मुनि श्री की अष्ट द्रव्य से पूजा अर्चना एवं महाराज को संपूर्ण समाज की ओर से श्रीफल प्रस्तुत किया गया।
 
महाराज मार्दव सागर महाराज ने प्रवचन में कहा कि जो महावीर के उपासक होते हैं वह कभी किसी से डरते नहीं हैं और सभी अच्छे कार्यों में सहयोग करते हैं भगवान राम के जीवन से सीख लेकर सीखना चाहिए और हमेशा मर्यादा का ध्यान रखना जैन शास्त्रों के अनुसार भगवान राम ने जैन धर्म की दीक्षा ली थी और होली के दिन मोक्ष गए थे दीपावली पर और खुशी के त्योहारों पर हमें पटाखे नहीं फोन ना चाहिए शासन के प्रतिबंधों का ध्यान रखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए पटाखों से धन की हानि होती है जीवो की हानि होती है एवं पर्यावरण नष्ट होता है क्या आप आपके घर के अंदर घुस कर पटाखे फोड़ सकते हैं जब आप अपने घर में पटाखे नहीं छोड़ सकते तो फिर छोटे-छोटे जीवो को पटाखे फोड़ कर कैसे नष्ट कर सकते हैं जिसको चैन है वही जैन है जनों ने संसार में बहुत कुछ सिखाया है बहुत कुछ नियम दिए हैं हमें आगे भी अपने सिद्धांतों को आगे बढ़ाते हुए दुनिया को सिखाना होगा और भारत को सबसे आगे बढ़ाना होगा जैनों ने रूढ़िवादिता को कभी स्थान नहीं दिया है एवं आदर्श विवाह मृत्यु भोज विद्यार्थियों के लिए अच्छे कार्य बच्चों से संबंधित अनेक कार्य पानी छानकर पीना रात में भोजन निषेध मांसाहार और मदिरापान को कोई स्थान नहीं प्रत्येक प्राणियों की रक्षा पशु पक्षियों की रक्षा गौ रक्षा आदि संपूर्ण कार्यों में जैन समाज हमेशा से तत्पर रहा है और आगे भी हमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हुए ऐसे कार्य करना होंगे पिछी का महत्व बताते हुए मुनिश्री ने कहा कि मोर पंख की पीछे हमें ऋषभदेव से प्राप्त हुई है जो महावीर तक सभी तीर्थंकरों ने एवं उसके पश्चात संपूर्ण दिगंबर संत ही नहीं संपूर्ण धर्मों में भी मोरपंखी पिछी का बहुत महत्व है यह  पिछी हमारी नहीं भगवान ऋषभदेव की है मुनि श्री ने उज्जैन का इतिहास बताते हुए कहा कि उज्जैन एक महत्वपूर्ण जगह है जिसे अवंतिका नगरी के नाम से भी जाना जाता था यह पुराने समय से आज तक धार्मिक नगरी के रूप में जानी जाती है यहां पर सम्राट अशोक के पहले एवं बाद में भी कई जैन राजा शासक के रूप में हुए हैं52 जनपदों में एक जनपद अवंतिका नगरी का उल्लेख ग्रंथों में हैं जो आज उज्जैन नगरी के नाम से जानी जाती है भगवान आदिनाथ के समय से ही इस नगरी की गाथाएं एवं पौराणिक इतिहास का महत्व है आप लोग बड़े सौभाग्यशाली हैं कि आपका जन्म उज्जैन में हुआ है महावीर की इस तपो धरा को अपने अंदर उतारे और अपने सभी मंदिरों में और घरों पर महावीर तपोस्थली तपोभूमि लिखवा लेवे
 
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक मोहन यादव ओम जैन प्रदीप पांडे पार्षद बैंड वाल मौजूद थे सर्वप्रथम आचार्य श्री का चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन सुश्री सुषमा जैन डॉक्टर दिनेश वैद्य पंडित विनय जी ने किया मंगलाचरण महावीर जैन मंगल नत्य अविशी जैन अविका जैन ने किया पाद प्रक्षालन सुश्री सुषमा जैन वीरसेन जैन दिनेश जैन  सुपर फार्मा एवं पानी गांव से आए मुनि भक्त ने किया मुनि श्री को श्रीफल संपूर्ण बाहर से आए मुनि भक्तों एवं अतिथि व शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग के अध्यक्ष इंदर चंद जैन एवं ट्रस्टी ने किया कार्यक्रम का संचालन शैलेंद्र जैन गायक एवं श्रुति जैन ने किया तत्पश्चात ब्रह्मचारी भैया जी के प्रवचन हुए एवं संपूर्ण अतिथियों का सम्मान हुआ एवं  इंदर चंद जैन मीना दीदी विराग भक्ति महिला मंडल  की दीप्ति गंगवाल  अर्पणा कासलीवाल  रानू  बड़जात्या अनिल जैन बाटू भैया राकेश भैया  पुष्पा बाई महावीर जैन  शोभा निखिल  विनायका  पंडित संतोष जैन  ऋषभ जैन  सचिन कासलीवाल आदि को मुनि श्री को नई पिछी देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ एवं इन सभी लोगों का विशेष  सम्मान किया गया मुनि श्री की पुरानी पिछी पंडित संतोष जैन को प्राप्त हुई कलश वितरण में मुख्य कलश सुश्री सुषमा जैन डॉक्टर दिनेश जैन एवं पंच परमेष्ठी कलश महेश अभिलाष जैन नरेंद्र प्रसन्न बिलाला अशोक राणा कुमारी आरुषि निलेश सुनील अनिल जैन एवं अन्य विशेष 11 एवं 21 अन्य कलश भी वितरित किए गए कार्यक्रम में संपूर्ण जैन मंदिरों के अध्यक्ष सचिव एवं ट्रस्टी गण मौजूद थे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में भाग लिया एवं शाम को आचार्य श्री एवं मुनि श्री की आरती भी की संपूर्ण कार्यक्रम में ट्रस्ट के अध्यक्ष इंदर चंद जैन अंतिम विनायका अनिल जैन दिलीप विनायका आदि कई लोग मौजूद थे 

Leave a reply