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आपके पास भी है सोना, तो तैयार रखे हिसाब या चुकाओ होगा टैक्स


नई दिल्ली। सोने में खपे कालेधन को अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार बड़ा कदम उठा सकती है। सोने के लिए जल्द ऐम्नेस्टी स्कीम लॉन्च की जा सकती है, जिसके तहत लोगों को सोने का हिसाब देना होगा और बिना बिल वाले सोने पर टैक्स चुकाना होगा। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से दी गई है।

यदि सरकार यह कदम उठाती है तो नोटबंदी के बाद कालेधन के खिलाफ यह सबसे बड़ा कदम होगा। इसे नोटबंदी की ही अगली कड़ी माना जा रहा है। जानकारों के मुताबिक कालेधन का एक बड़ा हिस्सा सोने के रूप में मौजूद है।

अभी यह तय नहीं है कि टैक्स की दर क्या होगी। हालांकि, सूत्रों ने संकेत दिया कि टैक्स 30 प्रतिशत हो सकता है, जो सेस यानी उपकर के साथ 33 प्रतिशत तक पहुंचेगा। बताया जा रहा है कि सोने के रूप में लाखों करोड़ रुपए का कालाधन पड़ा है, जिसे सरकार बाहर निकालना चाहती है।

सरकार की रणनीति
नोटबंदी के बाद सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) लॉन्च की थी, जिसे आईडीएस-2 के नाम से जाना जाता है, लेकिन इसकी सफलता सीमित थी। माना जा रहा है कि तब जो कसर बाकी रह गई थी, उसे गोल्ड ऐम्नेस्टी स्कीम से पूरा किया जा सकता है।

तय होगी स्कीम की अवधि
सूत्रों ने बताया कि इनकम टैक्स ऐम्नेस्टी स्कीम की तरह गोल्ड ऐम्नेस्टी स्कीम भी निश्चित समय के लिए होगी। इसे व्यापक स्वर्ण नीति के हिस्से के रूप में तैयार किया जा रहा है, जिसपर नीति आयोग की सलाह पर दो साल पहले काम शुरू हुआ था।

विचार अच्छा, लागू करना मुश्किल
पहचान जाहिर न करने की शर्त पर एक विश्लेषक ने बताया, 'यह विचार अच्छा है, लेकिन प्रभावी रूप से लागू करना मुश्किल है। लोगों ने सोना लंबे समय से अपने पास रखा है और कई अवसरों पर यह विरासत में भी मिलता है, जिसमें कोई लेन-देन नहीं होता और इनका बिल मिलना मुश्किल है। सोने की घोषणा के लिए लोगों पर दबाव डालना कठिन है।' उन्होंने कहा कि एक डर यह भी है कि लोगों को टैक्स अधिकारियों का शोषण झेलना पड़े।

एक नए मॉडल का सुझाव
इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने गोल्ड ऐम्नेस्टी स्कीम को लेकर को एक नए मॉडल का सुझाव दिया है, ताकि यह स्कीम सफल हो सके। सुझाव यह है कि घोषित सोने के बदले सरकार 10 साल के लिए जीरो कूपन बॉन्ड जारी करे।

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